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Mohini Ekadashi 2024: दशकों बाद मोहिनी एकादशी पर 'भद्रावास' योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग

इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक द्वारा अनजाने में किए गए सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिषियों की मानें तो मोहिनी एकादशी पर दशकों बाद भद्रावास का योग बन रहा है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Tue, 07 May 2024 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 10:00 PM (IST)
Mohini Ekadashi 2024: दशकों बाद मोहिनी एकादशी पर 'भद्रावास' योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mohini Ekadashi 2024: हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 19 मई को मोहिनी एकादशी है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक द्वारा अनजाने में किए गए सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिषियों की मानें तो मोहिनी एकादशी पर दशकों बाद भद्रावास का योग बन रहा है। इसके अलावा, कई अन्य मंगलकारी योग भी बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 18 मई को सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी और 19 मई को दोपहर 01 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के चलते 19 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन पारण का समय 20 मई को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से लेकर 08 बजकर 12 मिनट तक है।

भद्रावास योग

मोहिनी एकादशी पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रा दोपहर 01 बजकर 50 मिनट तक पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल में रहने के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संकट भी दूर हो जाते हैं। इस दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 28 मिनट से हो रहा है, जो 20 मई को देर रात 03 बजकर 16 मिनट तक है। साथ ही मोहिनी एकादशी पर सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।


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