Toy Export: भारत के खिलौना निर्यात में गिरावट, सरकार से यह मदद मांग रही इंडस्ट्री
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत का खिलौना निर्यात मामूली घटकर 15.23 करोड़ डालर रहा है। आर्थिक थिंक टैंक GTRI की रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 में खिलौना निर्यात 15.38 करोड़ डॉलर था। GTRI का कहना है कि आवश्यक गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों से भारत के खिलौना निर्यात को बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिला है। घरेलू उपायों का प्राथमिक उद्देश्य स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना और सुरक्षा सुनिश्चित करना रहा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत का खिलौना निर्यात मामूली घटकर 15.23 करोड़ डालर रहा है। आर्थिक थिंक टैंक GTRI की रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में खिलौना निर्यात 15.38 करोड़ डॉलर था।
GTRI का कहना है कि आवश्यक गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों से भारत के खिलौना निर्यात को बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिला है। घरेलू उपायों का प्राथमिक उद्देश्य स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना और सुरक्षा सुनिश्चित करना रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 से 2021-22 के दौरान निर्यात में वृद्धि रही है।
इस दौरान भारत का खिलौना निर्यात 12.96 करोड़ डॉलर से बढ़कर 17.7 करोड़ डालर पर पहुंच गया था। बीते वित्त वर्ष में आयात बढ़कर 6.49 करोड़ डॉलर रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.23 करोड़ डॉलर था।
क्या है एक्सपर्ट की राय
GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव का कहना है कि भारत को खिलौना निर्यात बढ़ाने के लिए दूसरे उपाय करने होंगे। उन्होंने ने कहा कि QCO (भारतीय गुणवत्ता परिषद) ने चीन से घटिया आयात पर रोक लगाई। लेकिन, इसका भारतीय कारोबारियों को ज्यादा लाभ नहीं मिला और निर्यात में वृद्धि नहीं हुई।
उन्होंने कहा, 'भारत में कुछ देशों से खराब क्वॉलिटी के खिलौने आते हैं, खासकर चीन से। सरकार ने 2020 से खराब क्वॉलिटी वाले खिलौनों के आयात पर अंकुश लगाया है। साथ ही, घरेलू खिलौना उद्योग को मजबूत करने के लिए कई अहम फैसले भी किए हैं। लेकिन, भारतीय खिलौना उद्योग को और भी ज्यादा बेहतर करने के लिए व्यापक नजरिया अपनाने की जरूरत है।'
अभी अमेरिका खिलौने का सबसे बड़ा आयातक है। 2022 में अमेरिका ने 40 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के खिलौने, गुड़िया और खेल सामग्री का आयात किया था। वहीं, चीन दुनिया का सबसे बड़ा खिलौना निर्यातक है। उसने 2022 में 103 अरब डॉलर के खिलौने, खेल और खेल सामग्री का निर्यात किया।
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