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Breast Cancer: 50 से कम उम्र की महिलाओं में 86% तक बढ़ जाता है दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा

पिछले कुछ दशकों में भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। ऐसे में अब कैंब्रिज विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में डराने वाले आंकड़े सामने आए हैं जो बताते हैं कि 50 साल से कम उम्र की जिन महिलाओं में एक बार ब्रेस्ट कैंसर का इलाज हो चुका है उनमें दूसरी बार कैंसर होने का खतरा 86% बढ़ जाता है। आइए जानें।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Published: Tue, 07 May 2024 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 06:31 PM (IST)
इन महिलाओं में 86% तक बढ़ जाता है दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा (Image: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर भारतीय महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल इस बीमारी के करीब 2 लाख नए मामले सामने आते हैं। इसे लेकर जागरूकता बढ़ाना काफी जरूरी है, जिससे शुरुआती स्टेज पर ही इसका सही ट्रीटमेंट मिल सके।

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दरअसल, दिनों-दिन महिलाओं में आम होती जा रही इस बीमारी को लेकर हाल ही में, कैंब्रिज विश्वविद्यालय के एक अध्ययन से चौंकाने वाले नजीजे सामने आए हैं। इसमें बताया गया है कि जिन महिलाओं की उम्र 50 साल से कम है और जो एक बार ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करा चुकी हैं, उनमें दोबारा कैंसर होने का रिस्क 86 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं, दूसरी जगह पहले इसका इलाज करा चुकी 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका 17 प्रतिशत से ज्यादा है। आइए जानते हैं क्या कुछ कहता है यह नया अध्ययन।

पूरी दुनिया के लिहाज से जरूरी है यह अध्ययन

दरअसल, भारत में अभी तक इस तरह का कोई अध्ययन सामने नहीं आया है और कैंब्रिज विश्वविद्यालय के इस शोध को दुनिया के परिप्रेक्ष्य में जोड़कर देखा जा रहा है। साल 2020 में दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों की बात करें, तो यह 23 लाख थे। हालांकि, भारत में भी इसके मामले लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसे में भारत के लिहाज से भी यह शोध एक खतरे की घंटी जैसा है।

ब्रिटेन में सबसे ज्यादा मामले

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम ने एक डेटा सेट का इस्तेमाल किया, जिसमें 1995 और 2019 के बीच की 580,000 से ज्यादा महिलाओं और 3,500 से ज्यादा पुरुषों को शामिल किया गया। इनमें वे महिला और पुरुष थे, जिन्हें एक बार स्तन कैंसर हो चुका था और इलाज के बाद वे ठीक भी हो चुके थे। बता दें, ब्रिटेन में हर साल करीब 56000 लोगों का स्तन कैंसर से इलाज किया जाता है, जिनमें 99 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं ही होती हैं।

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50% मरीजों के पास ही सर्जरी का ऑप्शन

स्टडी में बताया गया है कि कैंसर विंग के विभाग मेडिकल अंकोलॉजी, सर्जिकल अंकोलॉजी और रेडियोथैरेपी अंकोलॉजी में हर दिन 70 से 80 मरीज कैंसर का इलाज कराने आते हैं, जिनमें 30 प्रतिशत मरीज नए होते हैं और रिम्स में आने वाले कैंसर के मरीजों में 50 फीसदी गंभीर मरीजों के पास सर्जरी ही अंतिम ऑप्शन होता है। वजह है, समय रहते इसके लक्षणों को न पहचानना और डॉक्टरी सलाह लेने में देरी कर देना। स्टडी में यह भी बताया गया है कि इन मरीजों में से 25 प्रतिशत का दवाओं और 25 प्रतिशत को रेडियोथैरेपी से ट्रीटमेंट किया जाता है।

समय रहते करें लक्षणों की पहचान

बता दें, ब्रेस्ट कैंसर भारत में तेजी से बढ़ता हुआ कैंसर का एक प्रकार है, जो एक आम गांठ से शुरु होता है और इसमें वक्त के साथ ब्रेस्ट के आकार में बदलाव देखने को मिलता है, जिनपर ध्यान न देने से कैंसर की यह कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ना शुरू हो जाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि इससे जुड़े लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, जिससे संक्रमित कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं को अपनी गिरफ्त में न ले सकें।

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