राम मंदिर, विरासत कर और अब चाइनीज-अफ्रीकन... पढ़ें सैम पित्रोदा के किन पांच बयानों पर हुआ विवाद
Sam Pitroda controversial statements सैम पित्रोदा ने देशवासियों के रंग-रूप को लेकर विवादित टिप्पणी की है जिसके बाद भाजपा कांग्रेस के खिलाफ हमलावर है। हालांकि कुछ दिनों पहले ही सैम पित्रोदा ने विरासत कर की वकालत की थी। कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी ने विपक्ष के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी। हालांकि इससे पहले भी कई बार सैम पित्रोदा विवादित बयान दे चुके हैं।
डिजिटल डेस्क। Sam Pitroda Controversial Statement। लोकसभा चुनाव के बीच सैम पित्रोदा ने कांग्रेस की सिरदर्दी बढ़ा दी है। पहले विरासत कर और अब देशवासियों के रूप-रंग पर टिप्पणी करते हुए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन ने कांग्रेस की मुसीबत में और इजाफा कर दिया है।
ऐसा पहली बार नहीं है कि सैम पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस के बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है, बल्कि कई बार कांग्रेस नेता के बयान ने सियासी घमासान मचा चुका है। आइए आज जरा सैम पित्रोदा के उन पांच विवादित बयानों का जिक्र करें जिससे देश की राजनीति में हंगामा मच गया।
विरासत कर (संपत्ति का बंटवारा)
पिछले महीने सैम पित्रोदा ने विरासत कर (संपत्ति के बंटवारे) की वकालत की थी। उन्होंने कहा था,"अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है।"
उन्होंने आगे कहा,"55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प कानून है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।" सैम पित्रोदा के इस बयान भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
राम मंदिर
पिछले साल जून महीने में सैम पित्रोदा ने राम मंदिर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि मंदिर भारत के बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं करेंगे। उनकी टिप्पणियों ने भाजपा को कांग्रेस की आलोचना की।
सैम पित्रोदा ने कहा था बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों को छोड़कर धार्मिक मामलों को प्राथमिकता दी जा रही है। मुझे किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है। कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते।
हुआ तो हुआ...
साल 2019 के मई महीने में जब सैम पित्रोदा से 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हुआ तो हुआ" (तो क्या हुआ)। कांग्रेस नेता के इस बयान पर काफी बवाल मचा था।
बालाकोट एयर स्ट्राइक पर उठाए सवाल
पुलवामा हमले पर भी सैम पित्रोदा ने विवादित बयान दिया था। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में पित्रोदा ने बालाकोट एयर स्ट्राइक को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने मारे गए चरमपंथियों की संख्या को लेकर सवाल किया है और कहा है कि उन्हें इस बारे में और अधिक जानना है। कांग्रेस नेता के इस बयान पर पीएम मोदी ने पलटवार किया था।
उन्होंने एक्स पर लिखा,"विपक्ष लगातार हमारी सेनाओं का अपमान कर रहा है। मैं इस देश के लोगों से अपील करता हूं कि वो विपक्ष द्वारा दिए जा रहे इस तरह के बयानों पर सवाल करें।"
संविधान बनने में नेहरू का अहम योगदान: सैम पित्रोदा
सैम पित्रोदा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू ने संविधान के निर्माण में बीआर अंबेडकर की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण योगदान दिया। राजनीतिक गलियारों में कई दिनों तक कांग्रेस नेता के इस बयान की चर्चा होती रही।
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