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भारतीय कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात में होगी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी, Crisil ने बताया कैसे हासिल होगा लक्ष्‍य

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय यातायात में उनकी बढ़ती हिस्सेदारी के चलते भारतीय एयरलाइन कंपनियों की व्यावसायिक स्थिति मजबूत होगी जो घरेलू क्षेत्र की तुलना में अधिक लाभदायक है। क्रिसिल के अनुसार भारत का अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात वित्त वर्ष 2023-24 में करीब सात करोड़ तक बढ़ गया। यह वैश्विक महामारी से पहले के स्तर को पार कर गया है।

By Agency Edited By: Praveen Prasad Singh Published: Mon, 06 May 2024 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 06:25 PM (IST)
भारतीय एयरलाइन ने पिछले 15 महीनों में 55 नए अंतरराष्ट्रीय मार्ग जोड़े हैं।

पीटीआई, मुंबई। भारतीय विमानन कंपनियां (Indian Airlines) वित्त वर्ष 2027-28 तक देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात (International Traffic) की 50 प्रतिशत जरूरत को पूरा करने में सक्षम होंगी। पिछले वित्त वर्ष में यह हिस्सेदारी 43 प्रतिशत थी। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) के अनुसार, ''यह सुधार भारतीय कंपनियों द्वारा अतिरिक्त विमानों की तैनाती और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में नए मार्ग जोड़ने के साथ-साथ विदेशी एयरलाइन की तुलना में बेहतर घरेलू संपर्क के बल पर होगा।''

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क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय यातायात में उनकी बढ़ती हिस्सेदारी के चलते भारतीय एयरलाइन कंपनियों की व्यावसायिक स्थिति मजबूत होगी, जो घरेलू क्षेत्र की तुलना में अधिक लाभदायक है। क्रिसिल के अनुसार, भारत का अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात वित्त वर्ष 2023-24 में करीब सात करोड़ तक बढ़ गया। यह वैश्विक महामारी से पहले के स्तर को पार कर गया है। वैश्विक महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में यह एक करोड़ के निचले स्तर पर आ गया था।

क्रिसिल रेटिंग्‍स के वरिष्ठ निदेशक मनीष गुप्ता ने कहा, ''बढ़ती खर्च योग्य आय, आसान वीजा पहुंच, हवाई अड्डों की बढ़ती संख्या और बेहतर हवाई यात्रा संपर्क से अंतरराष्ट्रीय यात्रा को बढ़ावा मिल रहा है।'' रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय एयरलाइन ने पिछले 15 महीनों में 55 नए अंतरराष्ट्रीय मार्ग जोड़े हैं, जिससे उनकी संख्या 300 से अधिक हो गई है। इनमें अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के लंबी दूरी के गंतव्यों के लिए सीधी उड़ान शामिल हैं।

 


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