एक शिक्षक के सहारे दर्जनों स्कूल
फ्लैग हेडिंग--विडबंना: विभागीय अधिकारी भी अंजान, नहीं हैं आंकड़े अफसर अली, संवाद सहयोग
अररिया। अगर शिक्षा व्यस्था ही बदहाल हो तो गरीब बच्चों की ज्ञान की प्यास कैसे बुझेगी । शिक्षा के अधिकार को धरातल पर उतारने में विभाग लाचार नजर आता है और लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। जिले में दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं जहां केवल एक शिक्षक ही सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई को जिम्मेवार हैं। परंतु हैरत की बात यह है कि सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी व कर्मियों को इसकी जानकारी तक नहीं है।एसएसए के अधिकारी पूछने पर कहते हैं एकल शिक्षक वाले विद्यालयों की सूची उनके पास उपलब्ध नहीं हैं। एक शिक्षक वाले विद्यालयों में विभाग द्वारा अतिरिक्त शिक्षक भेज दिया गया है। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जानकारों की मानें तो जिले भर में दो सौ से जयादा ऐसे विद्यालय हैं जहां आज भी एक शिक्षक ही है।
- 228 विद्यालयों में केवल एक शिक्षक
वर्ष 2015- 16 की विभागीय रिपोर्ट के अनुसार जिले में 228 एकल शिक्षक विद्यालय हैं। लेकिन आज भी केसर्रा पंचायत के एनपीएस बैरगाछी, हरदा पंचायत के प्रवि नव्वा नंदकार उत्तर टोला, पोखरिया पंचायत के एनपीएस प्रावि बांडोव, एनपीएस बसगाड़ा, प्रवि विद्यालय करेला टोला, एनपीएस भरेली मुसहरी टोला, एनपीएस चौबे टोला बौंसी सहित दर्जनों ऐसे विद्यालय है जहां कए शिक्षक किस प्रकार एक शिक्षा का दीप जलाने में कारगर साबित हो रहे होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
-क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
शिक्षा समिति के पूर्व जिला अध्यक्ष सह मुखिया संघ के अध्यक्ष ¨प्रस विक्टर, जिला परिषद सदस्य दिनेश पासवान, जदयू जिला महासचिव सुनील कुमार चंद्रवंशी आदि का कहना है कि विभागीय उदासीनता के कारण सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के नाम पर केवल खानापूरी होती है। बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
-क्या कहते हैं अधिकारी
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुभाष गुप्ता ने बताया कि जो भी एकल शिक्षक विद्यालय थे वहां शिक्षकों की संख्या बढ़ा दी गई है। तत्काल एक शिक्षक विद्यालयों की सूची उनके कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। यदि ऐसे कोई विद्यालय है जो अभी एक शिक्षकीय है तो निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।