अखिल भारतीय किसान समन्वयक समिति के नेता व जय किसान आदोलन मध्य प्रदेश के संयोजक डॉ. स
By JagranEdited By: Updated: Sat, 04 Nov 2017 03:04 AM (IST)
भोजपुर। अखिल भारतीय किसान समन्वयक समिति के नेता व जय किसान आदोलन मध्य प्रदेश के संयोजक डॉ. सुनीलम ने कहा कि आजादी के पहले व आजादी के बाद लगातार किसानों के साथ भेदभाव व उनका शोषण होता आ रहा है। हालाकि किसानों को शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए चंपारण आदोलन से लेकर अब तक कई बडे़ आदोलन हुए पर उनकी दशा व दिशा में कोई खास फर्क नहीं आ पाया है। आज भी देश के किसान कर्ज के बोझ तले दबे हैं। अपनी मेहनत से अन्न पैदा कर दूसरों का पेट भरने वाले ये अन्नदाता सरकार की गलत नीतियों के कारण भूखे नंगे रहने और मजबूरी में आत्महत्या करने के लिए विवश हैं। डॉ. सुनीलम ने ये बातें शुक्रवार को अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले पीरो में आयोजित किसान मुक्ति रैली को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह स्थिति किसानों के आपस में बंटे होने के कारण पैदा हुई है। ऐसी विकट स्थिति में खेत खेती और किसानों को बचाने के लिए देश के 160 किसान संगठनों ने मिलकर लाल झडे के नेतृत्व में आदोलन का शखनाद कर दिया है। इसका असर राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में दिखने लगा है। इस एकता का ही परिणाम है कि महाराष्ट्र व राजस्थान की सरकारों को किसानों के हित में करोड़ों रुपयों का एग्रीमेंट के लिए मजबूर होना पडा है। रैली को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजा राम सिंह ने कहा कि पूर्व की काग्रेस सरकार ने जहा बटाईदार छोटे मझोले किसानों को खेती से बेदखल करने का मुहिम शुरू किया वहीं मोदी सरकार ने किसानों की भूमि लूट सबसिडी में कटौती, न्यूनतम समर्थन मूल्य में कमी के जरिए उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया है। रैली को महाराष्ट्र से आए किसान शेतकरी संगठन के नेता प्रहलाद हिंडोली सहित कई अन्य किसान नेताओं ने संबोधित किया। रैली में मौजूद प्रेम सिंह गहलावत, हरियाणा के बी कृष्णन, केरल के आर चंद्रशेखर, तेलंगाना के राजेंद्र पटेल, समीर दास, केपी सिंह, विशेश्वर प्रसाद यादव, अरूण कुमार, उमेश सिंह, रामाधार सिंह, शिव सागर शर्मा, होरी लाल महतो, प्रशात सोनाली, विमल बोस, अनिल कुमार सिंह, विनोद कुमार, पूरन महतो , रजत, सुमित्रो , अनिल सहित स्थानीय नेता चन्द्रदीप सिंह, मनीर अंसारी, राजू यादव, मो. क्यामुद्दीन, खैराती खान, आदि मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक सुदामा प्रसाद ने की। इस दौरान किसानों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा की गई और इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया।
रैली में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित
संवाद सहयोगी, पीरो: अखिल भारतीय किसान समन्वयक समिति के बैनर तले पीरो में शुक्रवार को आयोजित किसान मुक्ति रैली के दौरान कृषि व किसानों के संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। रैली में पारित सात सूत्री प्रस्तावों में डा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दुगुना करने, किसानों का कर्ज माफ करने, बटाईदार किसानों को पहचान पत्र निर्गत कर उन्हें अन्य किसानों की तरह सभी सुविधाएं मुहैया कराने, शराबबंदी के नाम पर गरीबों के साथ हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने, पीरो दंगा काड के आरोपी भाजपा नेता मदन स्नेही को गिरफ्तार करने, भाकपा माले नेता खैराती खान को झूठे मुकदमे से बरी करने, डिहरी टोला गाव निवासी गोविंद चौधरी के हत्यारों को सजा दिलाने, दंगा पीडित दुकानदारों को मुआवजा देने, बिजली के जर्जर तारों को बदलने, बिजली करंट से मरे अगिआव बाजार निवासी आकाश उर्फ छोटू के परिजनों को मुआवजा देने की माग शामिल है। -------------
लाल झडों से पट गया था पीरो शहर पीरो: अखिल भारतीय किसान समन्वयक समिति के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं के नेतृत्व में शुरू किसान मुक्ति यात्रा के पीरो आगमन को लेकर सोमवार को पूरा शहर लाल झडों व वामपंथी दलों के बैनर से पाट दिया गया था। यात्रा में शामिल किसान नेताओं के यहा पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया । किसान नेताओं की आगवानी के लिए पहले से ही सैकड़ों की संख्या में अखिल भारतीय किसान महासभा के कार्यकर्ता पूर्व विधायक चन्द्रदीप सिह के नेतृत्व में हसनबाजार में प्रतिक्षारत थे। ये कार्यकर्ता मोटरसाइकिल रैली के साथ यात्रा में शामिल नेताओं को हसनबाजार से पीरो तक ले आए । इधर पीरो पडाव मैदान में बने भव्य मंच पर आगत अतिथियों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। यहा आयोजकों द्वारा सभी किसान नेताओं को लाल साफ बाध कर सम्मानित किया गया। इस दौरान लाल सलाम के अभिवादन वाले नारे लगातार गूंजते रहे।
धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य हो ढाई हजार संवाद सहयोगी, पीरो: किसान मुक्ति रैली के दौरान सभी बडे किसान नेताओं ने डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए किसानों की कर्ज माफी, बटाईदार किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने, फसल के लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण आदि की माग प्रमुखता से उठाया। इस दौरान किसान नेता डॉ. सुनीलम ने कहा कि धान के उत्पादन में किसानों को प्रति क्विंटल 1500 खर्च करना पडता है जबकि सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपये तय किया है जो घाटे का सौदा है। उन्होंने कहा कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य कम से कम ढाई हजार रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। वहीं डॉ. कुंदन पटेल सहित अन्य नेताओं ने अपने वाजिब हक मागने के लिए किसानों को दिल्ली के जंतर मंतर पर 20 नवंबर को आयोजित किसान संसद में शामिल होने की अपील की। डॉ. पटेल ने नीतीश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि कृषि रोड मैप बनाने की बात करने वाली नीतीश सरकार आडानी माडल वाली भाजपा के साथ जाकर रोड़ मैप का क्रियान्वयन भूल गई है।
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