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रेलवे परियोजना : जमीन न देने का किसानो ने लिया संकल्प

By Edited By: Updated: Tue, 10 Sep 2013 07:25 PM (IST)
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गया, निज प्रतिनिधि: इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण करने की रेलवे बोर्ड द्वारा जारी की गई घोषणा के विरोध में जिले के किसान तथा मकान मालिकों ने सम्यक स्वर में विरोध किया है। किसान एवं मकान मालिकों ने कुजापी में मंगलवार को आयोजित एक आमसभा में यह संकल्प व प्रस्ताव पारित किया कि किसी भी सूरत मे वे अपनी जमीन व मकान उक्त परियोजना के क्रियान्वित करने के लिए नहीं देंगे।

मंगलवार को भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति की एक आमसभा कुजापी के देवी मंदिर प्रांगण में हुई। जिसमें शामिल वक्ताओं ने कहा कि उक्त परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण कर लिए जाने के बाद हजारों किसान बेरोजगार व मकान मालिक बेघर हो जाएंगे। सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना के तहत मानपुर, कंडी, नवादा, छोटकी नवादा, गोविंदपुर, नेयाजीपुर, कुजापी, कटारी, बंगाली बिगहा, दूर्वे, शेरपुर तथा काष्ठा गांव व नगर निगम क्षेत्र के हजारों कृषक, भू-स्वामी तथा मकान मालिकों की जमीन जा रही है। जिससे किसानों के उपजाऊ जमीन चली जाएगी। आगे कहा कि उक्त क्षेत्र की भूमि काफी मंहगी है। जिसका मुआवजा सरकार यदि देने की बात करती है तो बड़ी राशि सरकार को अदा करना पड़ेगा। सामूहिक प्रस्ताव पारित करते हुए समिति के अध्यक्ष देबु मंडल, के.एन. प्रसाद, जय प्रकाश यादव, मनोज यादव, संजू यादव, डा. रामनरेश प्रसाद, रामचरित्र नारायण, सुनील कुमार, राजकुमार बौद्ध, अश्रि्वनी बौद्ध, धर्मेन्द्र कुमार, रवि कुमार, शिव कुमार पासवान, नंदलाल कुमार उर्फ नंदू आदि ने कहा कि यदि रेलवे को जमीन की जरूरत है तो वह बंधुआ स्टेशन से सोहैपुर, लाड़पुर, परैया, खिरियावां, दुबहल, खरांटी, खुरार, जमड़ी, पुनाकला से होते हुए हंसपुरा के निकट ग्रैंडकार्ड लाइन से मिला दें। कारण कि बंधुआ से लाड़पुर तक सरकारी भूमि है। और इस रूट की भूमि कम उपजाऊ तथा सस्ती है। किसानों ने कहा कि इस रूट में ढुंगेश्वरी पहाड़ है। जहां प्राक्बोधि मंदिर है। साथ ही काष्ठा से बोधगया तक रेलवे लाइन जाने की जो योजना है। इससे सुविधा होगी।

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