खाड़ी देशों में 15 महीने में दफन हो गए यहां के 37 युवक, जानिए
रोजी-रोटी की तलाश में गोपलगंज जिले के कई युवक खाड़ी देशों में जाते हैं। इनमें से कुछ को तो रोजगार मिल जाता है लेकिन कुछ अपना सबकुछ गंवा बैठते हैं।
By Ravi RanjanEdited By: Updated: Fri, 21 Apr 2017 11:33 PM (IST)
गोपालगंज [जेएनएन]। रोजी-रोटी के लिए खाड़ी देशों में युवाओं के जाने का सिलसिला अब भी जारी है। इनमें से कुछ को तो रोजगार मिल जाता है, लेकिन कुछ ठगी के शिकार होकर अपना सबकुछ गंवाने के बाद वापस लौट आते हैं। युवाओं में कुछ ऐसे भी शामिल हैं, जिनके लिए खाड़ी देशों का सफर जीवन का अंतिम सफर साबित होता है।
खाड़ी देशों की नौकरी भी अब सुरक्षित नहीं रह गई है। आंकड़े गवाह हैं कि पिछले 15 माह की अवधि में जिले से खाड़ी देशों में काम करने गए 37 लोग वहां हादसे के शिकार हो गए। कुछ की काम के दौरान कंपनी में जान चली गई तो कुछ की मौत सड़क दुर्घटना में हुई। दो-तीन मौत बीमारी के कारण भी हुई। इनमें से अधिकांश लोगों को सरकार की ओर प्रदत्त की जाने वाली सहायता राशि का भी भुगतान किया जा चुका है।पिछले एक दशक से खाड़ी देश में नौकरी का क्रेज बढ़ा है। अपने घर की माली हालत सुधारने के लिए जिले से प्रति वर्ष हजारों की संख्या में युवा खाड़ी देश में काम करने लिए जा रहे हैं। यह सिलसिला आज भी जारी है। इनमें से कुछ को वहां अच्छा रोजगार मिल जाता है तो कुछ ठगी के शिकार होकर अपना रुपया गंवाने के बाद स्वदेश लौटने को विवश होते हैं।
इनमें कुछ ऐसे युवा भी शामिल हैं, जिनके लिए नौकरी के लिए खाड़ी देशों का सफर, अंतिम सफर साबित हुआ है। सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि पिछले 15 माह की अवधि में जिले से खाड़ी देश में काम करने गए 37 लोग विभिन्न हादसों के शिकार हो गए। सरकारी आंकड़ों की मानें तो पिछले एक साल की अवधि में सबसे अधिक लोगों की मौत रियाद में हुई। कुछ आबूधाबी तो कुछ मस्कट में भी हादसे के शिकार हो गए। ठगी के भी शिकार हो रहे युवक
विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर पूरे जिले में संगठित गिरोह सक्रिय है। पुलिस व न्यायालय के आंकड़ों को मानें तो प्रत्येक वर्ष औसतन 170 से 200 लोग इस गिरोह के झांसे में आकर ठगी के शिकार होते हैं। बावजूद इसके पुलिस स्तर पर इस गिरोह पर लगाम लगाने की दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। आंकड़ों की मानें तो वर्तमान वर्ष के शुरुआती तीन माह 41 लोग ठगी के शिकार हो चुके हैं।
विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर पूरे जिले में संगठित गिरोह सक्रिय है। पुलिस व न्यायालय के आंकड़ों को मानें तो प्रत्येक वर्ष औसतन 170 से 200 लोग इस गिरोह के झांसे में आकर ठगी के शिकार होते हैं। बावजूद इसके पुलिस स्तर पर इस गिरोह पर लगाम लगाने की दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। आंकड़ों की मानें तो वर्तमान वर्ष के शुरुआती तीन माह 41 लोग ठगी के शिकार हो चुके हैं।
यह भी पढ़ें: स्पीड से आ रही ट्रेन के साथ तीन युवक ले रहे थे सेल्फी, 2 की मौतमुआवजा भुगतान की हो रही कार्रवाई
प्रशासनिक आंकड़ों की मानें तो खाड़ी देशों में हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई करीब पूर्ण की जा चुकी है। 37 में से सिर्फ एक परिवारों को मुआवजे का भुगतान नहीं हो सका है। इनके मुआवजा भुगतान के लिए नजारत से आदेश निर्गत किया जा चुका है। जबकि कागजी कार्रवाई में एक परिवार के भुगतान का मामला लंबित है।यह भी पढ़ें: इस एक्ट्रेस ने किया खुलासा, कहा- भोजपुरी फिल्मों में भी है कास्टिंग काउचकिस देश में हुई कितने लोगों की मौतदेश मृत लोगों की संख्यारियाद 28 मस्कट 01आबूधाबी 02 सऊदी अरब 06इनसेटकहते हैं अधिकारी प्रशासनिक स्तर पर विदेश में मृत लोगों के शवों को स्वदेश मंगाने की कार्रवाई की जाती है। अधिकांश मामलों में मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई पूर्ण की जा चुकी है।राजीव रंजन सिन्हावरीय उप समाहर्ता, गोपालगंज
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।प्रशासनिक आंकड़ों की मानें तो खाड़ी देशों में हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई करीब पूर्ण की जा चुकी है। 37 में से सिर्फ एक परिवारों को मुआवजे का भुगतान नहीं हो सका है। इनके मुआवजा भुगतान के लिए नजारत से आदेश निर्गत किया जा चुका है। जबकि कागजी कार्रवाई में एक परिवार के भुगतान का मामला लंबित है।यह भी पढ़ें: इस एक्ट्रेस ने किया खुलासा, कहा- भोजपुरी फिल्मों में भी है कास्टिंग काउचकिस देश में हुई कितने लोगों की मौतदेश मृत लोगों की संख्यारियाद 28 मस्कट 01आबूधाबी 02 सऊदी अरब 06इनसेटकहते हैं अधिकारी प्रशासनिक स्तर पर विदेश में मृत लोगों के शवों को स्वदेश मंगाने की कार्रवाई की जाती है। अधिकांश मामलों में मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई पूर्ण की जा चुकी है।राजीव रंजन सिन्हावरीय उप समाहर्ता, गोपालगंज