एक साल बाद भी नहीं मिली मनरेगा की मजदूरी
कैमूर। गांवों से मजदूरों का पलायन रोकने के लिए सरकार मनरेगा योजना लेकर आई। ताकि गांव
By Edited By: Updated: Sun, 29 Nov 2015 06:39 PM (IST)
कैमूर। गांवों से मजदूरों का पलायन रोकने के लिए सरकार मनरेगा योजना लेकर आई। ताकि गांवों के गरीबों को गांवों में ही साल में सौ दिन का रोजगार मिल सके। मगर धरातल पर इस योजना की बदहाली जारी है। दुर्गावती प्रखंड के कल्याणपुर पंचायत के एक दर्जन मनरेगा मजदूरों को एक साल से मजदूरी नहीं मिल सकी है। अपनी मजदूरी मांगने के लिए मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी के पास पहुंचे। कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय में नहीं थे, तो मजदूरों ने आवेदन मनरेगा के एक कर्मचारी को दे दिया।
मनरेगा मजदूर हरिनारायण बिंद और जय प्रकाश बिंद ने बताया कि कल्याणपुर में 2014 में मनरेगा योजना के तहत सड़क निर्माण का काम बीस दिनों तक चला था। कुछ मजदूरों को तो मजदूरी मिल गई। लेकिन 20 ऐसे मजदूर जिन्हें एक साल बाद भी मजदूरी नहीं मिली। मजदूरी के लिए पहले पंचायत रोजगार सेवक रामाशीष शर्मा के यहां कई दिन चक्कर लगाये। उनके द्वारा यह कहा गया कि विभाग में पैसा नहीं है। जब पैसा आयेगा तो मिलेगा। इस संबंध में जब दुर्गावती के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। वहीं बीडीओ रवीन्द्र कुमार ने मजदूरों की लिखित शिकायत पर जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
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