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रस्तोगी दंपति को मिला शांति दूत सम्मान

कैमूर। गणतंत्र दिवस पर जिला मुख्यालय पर निकाली गई प्रभात फेरी में कुदरा के सुरेंद्र रस्तोगी व उ

By Edited By: Updated: Wed, 27 Jan 2016 05:51 PM (IST)
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कैमूर। गणतंत्र दिवस पर जिला मुख्यालय पर निकाली गई प्रभात फेरी में कुदरा के सुरेंद्र रस्तोगी व उनकी पत्‍‌नी अनुराधा कृष्ण रस्तोगी आकर्षण का केन्द्र रहे। प्रभात फेरी में अनुराधा रस्तोगी कस्तूरबा के वेश में थी तो वहीं उनके पति सुरेन्द्र रस्तोगी गांधी के वेश में नजर आये। लोगों ने उनकी इस भूमिका को खूब सराहा। रस्तोगी दंपति को डेढ़ दशक से बापू के वेश में राष्ट्रीय पर्वों पर महात्मा गांधी व कस्तूरबा के प्रतिरूप में गांधी जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जिला के प्रभारी मंत्री संतोष कुमार निराला ने शांति दूत सम्मान के रूप में सम्मानित किया। उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

ज्ञात हो कि रस्तोगी दंपत्ति अनुराधा रस्तोगी 55 वर्ष व सुरेंद्र रस्तोगी 61 वर्ष 2001 से ही 26 जनवरी व 15 अगस्त के मौके पर गांधी व कस्तूरबा के रूप में प्रभात फेरी में शामिल हो रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी इनका जज्बा कम नहीं हुआ है। मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे निकाली गयी प्रभात फेरी में कड़ाके के ठंड के बावजूद गांधी बने सुरेंद्र एक पतली धोती में ही शामिल हुए। गांधी व कस्तूरबा का प्रतिरूप बनने को कैसे प्रेरित हुए, इस संबंध में पूछने पर रस्तोगी दंपत्ति ने जागरण को बताया कि वे महात्मा गांधी के सत्य-अहिंसा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना चाहते हैं। लोगों में भारतीयता व भाईचारा बढ़े, सद्भाव व खुशहाली कायम रहे। बताया कि जब वे गांधी व कस्तूरबा का प्रतिरूप धरते हैं तो वे उस दौरान उपवास रखते हैं, अन्न आदि ग्रहण नहीं करते हैं।

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प्रभात फेरी में शामिल हुए बच्चे

फोटो- 27 बीएचयू 08

भभुआ: गणतंत्र दिवस के मौके पर शिक्षा विभाग की देख रेख में प्रभात फेरी निकाली गई थी। प्रभात फेरी पटेल चौक से निकाली गयी, व एकता चौक, कैमूर स्तंभ से होते हुए मुक्ता आकाश मंच पहुंच संपन्न हुयी। रास्ते में महापुरूषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। बच्चे भारत माता की जय, वंदे मातरम् का नारा लगा रहे थे। प्रभात फेरी की अगुवाई जिला शिक्षा पदाधिकारी सत्य नारायण प्रसाद कर रहे थे। प्रभात फेरी का सफल संचालन शिक्षा विभाग के अरूण कुमार सिंह व अन्य कर्मी कर रहे थे। प्रभात फेरी में सरकारी विद्यालयों के अलावा निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राएं शामिल थी। इसके अलावा प्रभात फेरी में समाज सेवी लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी ली।

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