अब डीजल इंजनों को जीवनदान देगा जमालपुर
जमालपुर (मुंगेर), संवाद सहयोगी : रेल इंजन कारखाना जमालपुर अब अपने बेहतर हुनरमंद कारीगरी के बल पर भारतीय रेल के कंडम (बेकार ) इंजनों को जीवनदान देकर रेलवे को प्रतिमाह लगभग 30 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा देने की योजना बनाई है। जिसकी शुरूआत मुख्य कारखाना प्रबंधक अनिमेष कुमार सिन्हा के कर्मठ व लगनशील अधिकारी व कर्मचारियों की टीम ने कर दिखायी है।
कारखाना के 152वें वर्षगांठ के मौके पर रेलवे बोर्ड के यांत्रिक सदस्य आलोक जोहरी व पूर्व रेलवे के सीएमई पीके सिंह ने संयुक्त रूप से कंडम लोको डीजल इंजन को प्रदर्शनी के रूप में जमालपुर कारखाना में मॉडल के रूप में स्थापित किया था। साथ ही इस उत्कृष्ट कार्य के लिए सीडब्ल्यूएम श्री सिन्हा की कर्मठ टीम के नाम एक लाख रुपये की राशि पुरस्कार के रूप में देने की घोषणा की थी। बताया जाता है कि 1964-65 दशक में नागपुर में ढाई फीट पर चलने वाली छोटी इंजन का रूप उक्त इंजन को जीवनदान देने में जमालपुर कारखाना के कर्मियों को एक माह लग गया था। भले ही मॉडल के रूप में जमालपुर ने नागपुर के कंडम इंजन को पूरी तरह ठीक तो जरूर कर दिया पर आने वाले समय में जमालपुर पूरी तरह कंडम इंजनों को मूर्त रूप देने का जो कार्य कर दिखाया है। उससे भविष्य में रेलवे को प्रति माह 30 करोड़ का फायदा हो सकता है। वैसे कारखाना के डीजल शॉप में फिलवक्त दुनियां की सबसे शक्तिशाली राइट्स इंजन को बना रही है