ऊं मंत्र के उच्चारण से मिलती है अदृश्य शक्ति
मुंगेर,[निरंजन]। विश्व योग दिवस को लेकर चारों ओर तैयारियां चल रही है। वहीं, दूसरी ओर ऊं मंत्र और सूर
मुंगेर,[निरंजन]। विश्व योग दिवस को लेकर चारों ओर तैयारियां चल रही है। वहीं, दूसरी ओर ऊं मंत्र और सूर्य नमस्कार को लेकर विश्व योग दिवस भी विवादों में घिर गया है। एक ओर जहां सरकार ने विवाद से बचने के लिए ऊं मंत्र और सूर्य नमस्कार को विश्व योग दिवस के कार्यक्रम से हटाने का निर्णय लिया है। वहीं, दूसरी ओर योग से जुड़े लोगों ने कहा कि योग के दौरान ऊं मंत्र का उच्चारण और सूर्य नमस्कार का विरोध नहीं होना चाहिए। एनटीपीसी बाढ़ में अधिकारियों को योग का अभ्यास करा रहे योगाचार्य डॉ. राजीव ने कहा कि ऊं मंत्र केउच्चारण से मन को शांति मिलती है। वहीं, महिला, पुरुष, बच्चों में बढ़ रहे तनाव को कम करने में भी ऊं मंत्र का उच्चारण कारगर होता है। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। अगर आप अनिद्रा के शिकार है या उच्च रक्तचाप के शिकार है तो पद्मासन में बैठ कर ऊं मंत्र का उच्चारण करें। योगाचार्य ने कहा कि योग शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जरूरी है। योग आध्यात्मिक से अधिक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। अधिकांश लोगों के मस्तिष्क का एक हिस्सा भाग ही जागृत रहता है तीन हिस्सा भाग सोया हुआ रहता है। योग के माध्यम से मस्तिष्क के सोए तंत्र को जगाया जा सकता है। जिससे इंसान में आत्म बल की वृद्धि एंव अदृश्य शक्ति की प्राप्ति होती है।
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