हादसा टला: बिहार में बाल-बाल बची सप्तक्रांति एक्सप्रेस, गुजरते ही धंसा ट्रैक
मुजफ्फरपुर में रविवार को भी एक बड़ा रेल हादसा टल गया। आनंद विहार जाने वाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस के गुजरते ही यार्ड की रेल लाइन का ट्रैक धंस गया।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। रेलवे की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही। पिछले दिनों एक के बाद एक ब्रेक बाइंडिंग के तीन मामले आए। रेलवे ने किसी में सबक नहीं लिया। रविवार को भी एक बड़ा हादसा टल गया। आनंद विहार जाने वाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस के गुजरते ही यार्ड की रेल लाइन का ट्रैक धंस गया।
गनीमत रही कि लोको पायलट ने गड़बड़ी महसूस होने पर ट्रेन रोक दी और आगे चलाने से इन्कार कर दिया। सूचना मिलते ही इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों में खलबली मच गई। लाइन पर कर्मियों की भीड़ जुट गई।
की गई थी शंटिंग
लाइन नंबर 13 व 14 पर सप्तक्रांति एक्सप्रेस की रैक को प्लेटफॉर्म पर लाने को शंटिंग की गई। 14 नंबर से इंजन को 13 नंबर पर लाया गया। इस पर एक बोगी को जोड़कर रैक को पूरा किया गया। उसके बाद लोको पायलट पूरी रैक लेकर आगे बढ़ा। इंजन के साथ बोगी पार करने पर लोको पायलट को ट्रैक धंसने का एहसास हुआ।
लोको पायलट ने ट्रैक की जांच की, जिसमें कई कंक्रीट स्लीपर टूटे व ट्रैक दबा मिला। लोको पायलट ने आनन-फानन स्टेशन अधीक्षक को सूचना दी। सूचना पर पहुंचे पीडब्ल्यूआइ के कर्मियों ने मरम्मत की।
घातक बना नाला
कर्मियों का कहना है कि रेललाइन के बगल में नाला है। इससे पानी का बहाव बंद है। नाले के ऊपर से पानी बहने के कारण ट्रैक कमजोर हो गया है। ट्रेन के गुजरते ही कंक्रीट स्लीपर टूटने से धंस गया। हाल में ही कंक्रीट स्लीपर को बदला गया था।