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रेलवे से प्रशासन के तालमेल की कमी से हुआ हादसा

By Edited By: Updated: Tue, 20 Aug 2013 08:15 PM (IST)
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''मैं किसी पर दोषारोपण करने नहीं आया हूं। लेकिन स्थानीय प्रशासन और रेलवे के बीच तालमेल की कमी की बात सामने आयी है। मंदिर पर लगने वाले मेले के लिए प्रशासन से जरूर अनुमति ली गयी होगी। यदि इसकी जानकारी रेलवे को दी गयी होती तो रेलवे की तरफ से जरूर एहतियाती कदम उठाए गये होते तथा हादसे को टाला जा सकता था।''

: अधीर रंजन चौधरी, रेल राज्य मंत्री

पटना : रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन व रेलवे के बीच तालमेल की कमी घातक साबित हुई और धमारा में बड़ा रेल हादसा हो गया। स्थानीय प्रशासन ने रेलवे को यहां कात्यायनी मंदिर के क्षेत्र में सावन भर लगने वाले बड़े श्रावणी मेले की जानकारी नहीं दी थी। यदि ऐसा होता, तो निश्चित तौर पर रेलवे की तरफ से एहतियाती कदम उठाए गए होते। यह हादसा नहीं होता। चौधरी, घटनास्थल का मुआयना करने व प्रभावितों से मिलने के बाद मंगलवार को यहां मीडिया से मुखातिब थे। उनके अनुसार हाल के वर्षो में बिहार से तो तीन-तीन रेल मंत्री हुए। उनको इस क्षेत्र (धमारा) का विकास करना चाहिए था।

मंत्री के अनुसार स्टेशन के आसपास सड़क न होने की वजह से स्थानीय लोग आने-जाने के लिए रेल पटरियों का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए भी ज्यादा जानें गई तथा राहत कार्यो में परेशानी हुई। उन्होंने बताया कि यहां लगने वाले मेले को देखते हुए धमारा घाट रेलवे स्टेशन का विकास किया जाएगा। यहां पर रेलवे जल्द ही एक अतिरिक्त प्लेटफार्म के साथ-साथ फुट ओवरब्रिज भी बनाएगा। ट्रेनों के आवागमन की सूचना देने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित होगा। इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गये हैं। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चौधरी ने हादसे में 28 लोगों के मरने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इसके अलावा नौ लोग गंभीर रूप से घायल हैं। कहा कि सड़क नहीं है तो राज्य सरकार को प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना से इसका पहले ही निर्माण करा लेना चाहिए था। इतने बड़े मेले को देखते इस रेलवे स्टेशन में आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए थीं। ऐसा क्यों नहीं हुआ, यह बड़ा सवाल है।

चौधरी ने बताया कि छोटे से स्टेशन पर दो गाड़ियां पहले से लूप लाइन पर खड़ी थीं। इसी बीच राज्यरानी एक्सप्रेस के आ जाने से हादसा हुआ। चूंकि यहां सड़क नहीं है, इसलिए स्थानीय लोग पटरियों का सड़क की तरह इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह से ज्यादा लोग ट्रेन की चपेट में आए। सड़क न होने से राहत कार्यो में भी परेशानी आई।

रेल राज्यमंत्री ने क्षतिग्रस्त रेलगाड़ियों, टिकट काउंटर व कार्यालय परिसर का भी मुआयना किया। उसके बाद वे इस हादसे में घायल यात्रियों को देखने खगड़िया सदर अस्पताल गए। वहां उन्होंने तत्काल एक घायल यात्री को बतौर अनुग्रह राशि 95 हजार रुपये का चेक व 5 हजार रुपये नकद प्रदान किया।

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