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उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर बोले नीतीश, केंद्र बेनकाब, खत्म कर दे 10वीं अनुसूची

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तराखंड में प्रेसिडेंट रूल को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने संविधान की 10वीं अनुसूची की धज्जियां उड़ा दी है। ऐसे में तो 10वीं अनुसूची को खत्‍म कर देना चाहिए।

By Amit AlokEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2016 07:40 AM (IST)
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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तराखंड में प्रेसिडेंट रूल को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने संविधान की 10वीं अनुसूची की धज्जियां उड़ा दी है। ऐसे में तो 10वीं अनुसूची को खत्म कर देना चाहिए।

विदित हो कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में प्रेसिडेंट रूल की सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मान लिया। इसके पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजेपी पर धमकी देने और हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था। विरोधी इसे लोकतंत्र और संविधान की हत्या के रूप में देख रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह प्रतिक्रिया आज पटना में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दी। इसके पहले रविवार को भी उन्होंने ट्वीट कर उत्तराखंड के मामले पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, "उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लोकतंत्र पर प्रहार है। यह कोऑपरेटिव फेडरलिज्म के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को बेनकाब करता है।" लालू बोले, केंद्र की सत्ता में बैठे अहंकारी, देश में इमरजेंसी जैसे हालात इसके पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी ट्वीट कर कहा था, "सत्ता के नशे में चूर केंद्र में बैठे अहंकारी लोग भूल गए है कि लोकतंत्र व लोकराज सात्विक परम्पराओं एवं लोकलाज से चलता है, ना कि लोकहरण से।"

लालू ने कहा, "मई 2014 के बाद से फ़ासीवादी एवं लोकतंत्र विरोधी शक्तियों ने लोकतांत्रिक मूल्यों को तार-तार कर दिया है। देश में इमरजेंसी जैसे हालात है।"

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