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NEET UG Paper Leak: पेपर लीक में 3 अरब के वारे-न्यारे करते माफिया, नीतीश कुमार ने खोल दिए कई राज...

सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक पूछताछ में नीतीश ने बताया था कि वह फरार रॉकी का कारिंदा है। उसका काम अभ्यर्थियों तक प्रश्नपत्र और उत्तर पहुंचाना एवं उन्हें सुरक्षित स्थान पर रटवाना था। खेमनीचक के अलावा राजधानी पटना में 30-35 स्थानों पर अभ्यर्थियों को रख कर प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाए जा रहे थे। सभी अवैध सेंटरों पर उसके जैसे दूसरे प्यादों को रॉकी ने रखा था।

By Prashant Kumar Edited By: Rajat Mourya Published: Wed, 08 May 2024 04:40 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2024 04:40 PM (IST)
पेपर लीक में 3 अरब के वारे-न्यारे करते माफिया, नीतीश कुमार ने खोल दिए कई राज...

जागरण संवाददाता, पटना। NEET UG Paper Leak 2024 नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) यूजी (अंडर ग्रेजुएट) पेपर लीक कर माफिया पटना से केवल तीन अरब का कारोबार करने वाले थे। हालांकि, एक साथ बिहार और झारखंड में हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया।

अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पटना पुलिस अब लेन-देन का ब्योरा निकाल रही है। माना जा रहा है कि माफिया अभ्यर्थियों से सौदे की पूरी रकम नहीं वसूल पाए होंगे, लेकिन मोटी रकम की उगाही किए जाने से भी इनकार नहीं कर रहे।

आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने भी शास्त्री नगर थाने में अभियुक्तों से पूछताछ की थी। फिलहाल, पुलिस इस मामले में अधिक जानकारी नहीं दे रही है। एसएसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है। अनुसंधान पूरा होने तक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।

बताया गया कि गिरफ्तार गया जिले के सरवदहा निवासी नीतीश कुमार (32) इसी वर्ष बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) द्वारा आयोजित शिक्षक बहाली का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में जेल गया था। उसे आर्थिक अपराध की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि, बाद में उसे जमानत मिल गई थी।

नीतीश कुमार ने खोल दिए राज

सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक पूछताछ में नीतीश ने बताया था कि वह फरार रॉकी का कारिंदा है। उसका काम अभ्यर्थियों तक प्रश्नपत्र और उत्तर पहुंचाना एवं उन्हें सुरक्षित स्थान पर रटवाना था। खेमनीचक के अलावा राजधानी पटना में 30-35 स्थानों पर अभ्यर्थियों को रख कर प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाए जा रहे थे। सभी अवैध सेंटरों पर उसके जैसे दूसरे प्यादों को रॉकी ने रखा था। दूसरे अवैध सेंटरों का पता और वहां के संचालकों के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।

रॉकी, नालंदा के नगरनौसा निवासी संजीव सिंह का दाहिना हाथ बताया जाता है। इधर, गिरफ्तार अभ्यर्थी आयुष राज ने बताया था कि खेमनीचक ब्वायज हास्टल में उसकी तरह 20-25 अभ्यर्थी प्रश्नपत्र और उत्तर रट रहे थे। अभ्यर्थियों के माता-पिता और दानापुर नगर परिषद के कनीय अभियंता सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने गिरफ्तारी उपरांत बताया था कि प्रति अभ्यर्थी 40 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था।

तीन अरब का कारोबार

ऐसे में माना जा रहा है कि औसतन तीन अरब का अवैध कारोबार करने वाले थे। गिरोह की अपराध शैली के बारे में पुलिस को पता चला कि प्रश्नपत्र शत-प्रतिशत मिलने के बाद ही सौदे की रकम ली जाती थी। इससे पहले कुछ रुपये लिए जाते थे। कई अभ्यर्थियों से अग्रिम राशि भी नहीं ली गई थी। इसके एवज में उनके मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र और पोस्ट डेटेड चेक लिए जाते थे।

पुलिस की कार्रवाई शुरू होते ही संजीव सिंह और राकी भूमिगत हो गए। साथ ही कई अभ्यर्थी भी पकड़े गए। इस कारण पुलिस मान रही है कि पूरी रकम की वसूली नहीं हो पाई थी। अभ्यर्थियों के गिरफ्तार अभिभावकों एवं माफिया से जब्त मोबाइल का सूक्ष्म विश्लेषण किया जा रहा है।

सूत्र बताते हैं कि एक चेक भी पुलिस को मिला था, जिस पर तिथि अंकित नहीं थी। उस पर हस्ताक्षर किया हुआ था और 40 लाख रुपये वर्णित थे। हालांकि, इस चेक का शास्त्री नगर कांड संख्या 358/24 में जिक्र नहीं है।

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