Mukesh Sahani: 'भाजपा साजिश के तहत...', झारखंड में गरजे मुकेश सहनी; मोदी सरकार पर कह दी ऐसी बात
वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने झारखंड में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा गरीब की नहीं अमीरों की सरकार है मोदी सरकार। उन्होंने कहा भाजपा साजिश के तहत संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने लोगों से अधिकार के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया और कहा यह चुनाव नहीं सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने झारखंड के गढ़वा में एक चुनावी सभा में केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा गरीब की नहीं अमीरों की सरकार है मोदी सरकार।
इस दौरान उन्होंने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मुद्दा भी उठाया और कहा कि गरीबों के लिए लड़ने वाले हेमंत सोरेन को गलत तरीके से फंसा कर जेल में डाल दिया गया। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
मुकेश सहनी बुधवार को राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ झारखंड के पलामू और बिहार में रोहतास समेत अन्य चुनावी सभाओं को संबोधित करने निकले थे। उन्होंने कहा भाजपा साजिश के तहत संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने लोगों से अधिकार के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया और कहा यह चुनाव नहीं सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई है। आज लोकतंत्र की हत्या कर जनता द्वारा चुनी गई सरकार को गिरा दिया जाता है। विधायकों, सांसदों को खरीद लिया जाता है। आज दो राज्यों के मुख्यमंत्री जेल में हैं।
सहनी ने कहा कि हमारे विधायकों को खरीद लिया गया, हमें उसी सरकार से बाहर कर दिया गया, जिसे हमने बनाया था। चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी को जीताने की अपील करते हुए कहा कि आज जरूरत है कि केंद्र में गरीबों की कल्याण करने वाली सरकार का गठन हो।
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लालू-तेजस्वी अत्यन्त पिछड़ी जाति आरक्षण के सबसे बड़े विरोधी- डॉ.भीम सिंह
भाजपा उपाध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य डॉ. भीम सिंह ने लालू-तेजस्वी द्वारा भाजपा पर आरक्षण विरोधी होने के आरोप को सच्चाई से कोसों दूर और पिछड़ी जातियों की आंखों में धूल झोंक कर वोट लेने का प्रयास मात्र बतलाया है।
उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि अत्यंत पिछड़ी जातियों के सबसे बड़े विरोधी लालू जी ही रहे हैं। उन्होंने बिहार मे भी मंडल कमीशन लागू करने की आड़ में कर्पूरी फार्मूला के तहत प्राप्त अत्यंत पिछड़ी जातियों का अलग आरक्षण कोटा को समाप्त करने का प्रयास किया था। पर मेरे नेतृत्व में उनके उस प्रयास के विरोध में हुए आंदोलन के कारण वे वैसा नहीं कर पाए थे।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद कर्पूरी फार्मूला, जिसके तहत पिछड़ी तथा अत्यंत पिछड़ी जातियों का आरक्षण कोटा अलग-अलग निर्धारित किया गया है, के सदैव विरोधी रहे हैं।
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