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एक ही सीट पर दो JDU मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, बच्चों के लिए पूरी ताकत झोंक रहे डैडी; क्या बदल जाएगा ट्रेंड?

Bihar Politics समस्तीपुर लोक सभा सीट पर चुनाव चौथे चरण में है। इस सीट पर जदयू के दो मंत्रियों के बच्चे आमने-सामने हैं। एनडीए से शांभवी चौधरी में मैदान हैं जो जदयू नेता अशोक चौधरी की बेटी हैं। इसके अलावा महागठबंधन से सनी हजारी चुनाव लड़ रहे हैं जिनके पिता महेश्वर हजारी भी जदयू नेता हैं। ऐसे में इस सीट पर मुकाबला जबरदस्त है।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Mukul Kumar Published: Thu, 09 May 2024 01:41 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2024 01:41 PM (IST)
एक ही सीट पर दो JDU मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Bihar Politics In Hindi चौथे चरण में जिन पांच लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, उनमें समस्तीपुर की चर्चा इस बार विशेष रूप से है। दो डैडी के प्रयासों का कितना असर हुआ वह यहां के परिणाम में दिखेगा।

एनडीए की प्रत्याशी शांभवी चौधरी (Shambhavi Chaudhari) के पिता अशोक चौधरी समस्तीपुर में लगातार सक्रिय हैं और दूसरी ओर महागठबंधन से कांग्रेस की टिकट पर मैदान में जमे सन्नी हजारी के पिता महेश्वर हजारी (Maheshwar Hajari) भी वहां अपनी ताकत के साथ घूम रहे।

दाेनों राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। डैडी के इस प्रयासों के बीच समस्तीपुर में एक कोण नापसंदगी का भी है। नापसंदगी का आशय यह कि वोटर न पक्ष के और न ही विपक्ष के प्रत्याशी को पसंद कर रहे। यह ट्रेंड विगत दो आम चुनावाें में मुखर होकर दिखा है यहां।

वर्ष 2014 के आम चुनाव से ही नापसंदगी का ट्रेंड दिखने लगा

हमें कोई पसंद नहीं का ट्रेंड वोटिंग के दौरान समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में 2014 के आम चुनाव के दौरान ही दिखने लगा था। उस वर्ष के आम चुनाव में 29,211 वोटरों ने नाेटा का बटन दबा दिया था समस्तीपुर में। यह मतदान का 3.8 प्रतिशत था।

उस वर्ष के चुनाव में यह कांटे की टक्कर दिखी थी। तब सफलता हासिल करने वाले लोजपा के रामचंद्र पासवान को 31.33 प्रतिशत वोट आए थे और दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के अशोक कुमार को 30.53 प्रतिशत वोट मिले थे। यानी एक प्रतिशत से विजेता तय हुए थे।

नापसंदगी का ट्रेंड समस्तीपुर में 2019 के चुनाव में भी बरकरार रहा

Bihar News हमें कोई पसंद नहीं यह ट्रेंड 2019 के आम चुनाव में भी बड़े स्तर पर समस्तीपुर के वोटरों में बरकरार रहा। उस वर्ष के चुनाव में नोटा के तहत 3.48 प्रतिशत वोटरों ने बटन दबाए। यह कुल वोटिंग का 3.48 प्रतिशत था। वैसे 2019 के आम चुनाव में यहां हारने और जीतने वाले प्रत्याशी के बीच मतों का अंतर बड़ा था।

लोजपा की टिकट पर मैदान में रहे रामचंद्र पासवान को तब 55.19 प्रतिशत वोट मिले थे और कांग्रेस की टिकट पर मैदान में मौजूद अशोक कुमार को 30.50 प्रतिशत वोट आए थे।

2019 में जब उप चुनाव हुए तब भी यह ट्रेंड बरकरार रहा

सांसद रामचंद्र पासवान की मृत्यु के बाद वर्ष 2019 में ही समस्तीपुर लोकसभा के लिए उप चुनाव हुआ। रामचंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस राज मैदान में थे और कांग्रेस से अशोक राम। उक्त उप चुनाव में भी हमें कोई पसंद नहीं का ट्रेंड यहां बरकरार है। कुल मतदान में नोटा की हिस्सेदारी 3.28 प्रतिशत थी।

कुल 25,694 वोट नोटा के तहत डाले गए थे। इस उप चुनाव में हार-जीत का अंतर भी कम हुुआ। प्रिंस राज को 49.48 प्रतिशत वोट आए थे। लोजपा के वोट में 5.71 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई थी और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक कुमार को 36.54 प्रतिशत वोट आए थे। कांग्रेस के वोट में 6.04 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया था।

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