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Bihar Lok Sabha Election: एक तरफ खाता खोलने का दबाव, दूसरी तरफ जीत बचाए रखने की चुनौती

छठे चरण की आठ सीटों पर बीते 10 वर्षों की बात करें तो यहां से महागठबंधन के तमाम प्रयास लोकसभा चुनाव के दौरान फेल होते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि आठ में चार सीट पश्चिम चंपारण पूर्वी चंपारण शिवहर और महाराजगंज में भाजपा के उम्मीदवार जीते थे। जबकि तीन सीटों वाल्मीकि नगर सिवान और गोपालगंज सीटों पर जदयू उम्मीदवार जीते थे।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Published: Mon, 13 May 2024 02:07 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2024 02:07 PM (IST)
एक तरफ खाता खोलने का दबाव, दूसरी तरफ जीत बचाए रखने की चुनौती

सुनील राज, पटना। बिहार में लोकसभा के छठे चरण में आठ सीटों पर 25 को मतदान होना है। जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें वाल्मीकि नगर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सिवान, महाराजगंज और वैशाली हैं। ये सभी सीटें फिलहाल एनडीए गठबंधन के पास हैं।

इन आठ सीटों में एक तरफ तो खाता खोलने का दबाव है तो दूसरी ओर जीत बनाए रखने की चुनौती। बीते 10 वर्षों से महागठबंधन अलग-अलग राजनीतिक दलों का गठजोड़ बना यहां से जीत के प्रयास कर रहा है, लेकिन सफलता उससे दूर रही है।

छठे चरण की 8 सीटों का समीकरण

छठे चरण की इन आठ सीटों पर बीते 10 वर्षों की बात करें तो यहां से महागठबंधन के तमाम प्रयास लोकसभा चुनाव के दौरान फेल होते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि आठ में चार सीट पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर और महाराजगंज में भाजपा के उम्मीदवार जीते थे। जबकि तीन सीटों वाल्मीकि नगर, सिवान और गोपालगंज सीटों पर जदयू उम्मीदवार जीते थे।

वहीं, लोजपा ने वैशाली सीट पर जीत दर्ज कराई थी। 2019 में वाल्मीकि नगर में जदयू उम्मीदवार का मुकाबला कांग्रेस से था। पश्चिम और पूर्वी चंपारण में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार भाजपा के सामने थे। शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, महाराजगंज, सिवान पर जीत का जिम्मा राजद उम्मीदवारों पर था, लेकिन इन सभी सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों ने विरोधियों को शिकस्त देकर सीटें अपने नाम कर ली थी।

इसके पूर्व 2014 के चुनाव में सात सीटों वाल्मीकि नगर, पूर्वी और पश्चिम चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सिवान, महाराजगंज पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे जबकि वैशाली सीट पर लोजपा उम्मीदवार रामा किशोर सिंह मैदान में थे। मुकाबले की बात करें तो वाल्मीकि नगर और गोपालगंज में भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से था।

पश्चिम चंपारण में जदयू भाजपा आमने-सामने थे। जबकि अन्य पांच सीटों पर मुकाबले में राजद खड़ा था, लेकिन पहले 2014 और इसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर भाजपा और लोजपा की रणनीति के आगे और मोदी लहर में विरोधी एक भी सीट जीत नहीं पाए।

2024 के लोकसभा चुनाव में इस बार वाल्मीकि नगर में जदयू उम्मीदवार के सामने राजद होगा। पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण सीट पर भाजपा के दो कद्दावर उम्मीदवारों के सामने पूर्वी चंपारण में वीआइपी जबकि पश्चिम चंपारण में कांग्रेस उम्मीदवार होंगे। गोपालगंज में भी जदयू का सामना वीआइपी उम्मीदवार से होगा।

महाराजगंज में भाजपा की लगातार तीसरी जीत रोकने का जिम्मा इस बार कांग्रेस के पास है। इन सीटों के अलावा सिवान, वैशाली और शिवहर में एनडीए की जीत के रथ को रोकने का दारोमदार राजद उम्मीदवार के पास होगा। छठे चरण के इस चुनाव में दोनों गठबंधनों के लिए रण का मैदान आसान नहीं।

यह जरूर है कि भाजपा अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज कराती रही है। जाहिर है उसके पास अपनी सीटें बचाए रखने की चुनौती है। लेकिन तमाम दबाव के बाद भी महागठबंधन दस वर्ष बाद अपना खाता खोलने के लिए जी जान लगा रहा है।

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