Move to Jagran APP

Bihar B.Ed College News: शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, बीएड कॉलेजों में बंद होगी इन पांच विषयों की पढ़ाई

शिक्षा विभाग ने संबंधित कॉलेजों को निर्देश दिया है कि बंद होने वाले विषयों के व्याख्याताओं का समायोजन किया जाएगा। व्याख्याताओं से सप्ताह भर में विकल्प मांगा गया है। हालांकि यदि कोई व्याख्याता अपने मूल नियुक्ति के विषय में ही रहना चाहते हैं तो वे स्वतंत्र हैं। बता दें कि चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) के निर्धारित विषयों में संबंधित पांचों विषय नहीं हैं।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Published: Mon, 13 May 2024 10:30 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2024 10:30 PM (IST)
शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, बीएड कॉलेजों में बंद होगी इन पांच विषयों की पढ़ाई (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar B.Ed College News चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) लागू होने के बाद अब राज्य के बीएड कॉलेजों में पांच विषयों की पढ़ाई बंद होगी। वे पांच विषय फाउंडेशन, समावेशी शिक्षा, शैक्षिक प्रौद्योगिकी, योजना एवं शोध तथा सामाजिक विज्ञान हैं।

शिक्षा विभाग ने संबंधित कॉलेजों को निर्देश दिया है कि बंद होने वाले विषयों के व्याख्याताओं का समायोजन किया जाएगा। व्याख्याताओं से सप्ताह भर में विकल्प मांगा गया है।

हालांकि, यदि कोई व्याख्याता अपने मूल नियुक्ति के विषय में ही रहना चाहते हैं, तो वे स्वतंत्र हैं। बता दें कि चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) के निर्धारित विषयों में संबंधित पांचों विषय नहीं हैं।

शिक्षा विभाग के निर्देश में कहा गया है कि चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम के निर्धारित विषयों में संबंधित पांच विषय शामिल नहीं हैं।

संबंधित पांच विषयों के पदों के विरुद्ध नियुक्त होकर कार्यरत व्याख्याता, प्रभारी प्राचार्य एवं प्राचार्य को उनके स्नातकोत्तर विषय (शिक्षा में स्नातकोत्तर को छोड़ कर) के विषय के आधार पर चार वर्षीय एकीकृत अध्यायक शिक्षा कार्यक्रम के मुख्य धारा के विषय को यथा-गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान अथवा जीवन विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, संस्कृत, मैथिली, बंगला, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, अकाउंटेंसी, व्यापार अध्ययन, सूचना विज्ञान अभ्यास-गणित तथा शैक्षिक अध्ययन के विषय के पद में से एक पद के विरुद्ध समांजनकरने की योजना है, ताकि संबंधित पांचों विषयों के व्याख्याताओं को अन्यत्र समांजन करने पर विचार नहीं करना पड़े।

इस संबंध शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सज्जन आर. द्वारा राज्य के सभी अध्यापक शिक्षा महाविद्यालयों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों, प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालयों तथा प्रखंड अध्यापक शिक्षा संस्थानों के प्राचार्यों एवं प्रभारी प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है।

ये भी पढ़ें- Bihar Jamin Jamabandi: जमाबंदी कानून से संबंधित पटना हाई कोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

ये भी पढ़ें- Patna High Court: 'ट्रेन दुर्घटना में टिकट नहीं रहने पर...', रेलवे के मुआवजे को लेकर हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.