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Sushil Modi: सुशील मोदी वह काम कर गए जिसे किसी नेता ने अभी तक नहीं किया, चारों तरफ हो रही जमकर तारीफ

Bihar Politics बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के निधन के बाद भी उन्हें लोग याद कर रहे हैं। राजनीति से अलग हटकर भी सुशील कुमार मोदी ने ऐसा काम किया था जिससे हजारों परिवारों की जिंदगी बच गई। लोग उनसे प्रेरित होकर अस्पताल में लोगों को जीवन देने का काम कर रहे हैं। सुशील मोदी का निधन 13 मई की रात हो गया था।

By Raman Shukla Edited By: Sanjeev Kumar Published: Thu, 16 May 2024 12:14 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2024 12:14 PM (IST)
सुशील मोदी के काम की हो रही तारीफ (जागरण)

 राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: राजनीति के साथ समाज सेवा विशेषकर जरूरतमंदों की मदद के मामले में सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) अद्वितीय थे। यह कहना है दधीचि देहदान समिति के महासचिव पद्मश्री विमल जैन का। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी की जागरुकता से प्रेरित होकर 16 लोगों के स्वजन ने देहदान किया।

सुशील मोदी ने लोगों को अंगदान के लिए फैलाई थी जागरुकता

वहीं, 1300 से ज्यादा लोगों के स्वजन ने सुशील मोदी की अपील से प्रेरित होकर आंख (कार्निया) दान कर 1250 लोगों के जीवन में रंग भरने (रोशनी देने) की पहल की। सुशील मोदी के जागरुकता अभियान से अब स्वैच्छिक नेत्रदान के प्रति स्वत: लोग आगे आ रहे हैं।

सुशील मोदी की पहल पर नेत्र कोष के लिए 1.5 करोड़ रुपये किए थे आवंटित

यही नहीं, पांच मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों (आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच एवं डीएमसीएच) के साथ ही निजी क्षेत्र के कटिहार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में आई बैंक कार्यरत है। सुशील मोदी की पहल पर ही राज्य सरकार ने नेत्र कोष (आइ बैंक) के लिए डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

हालांकि, राशि आवंटन के बावजूद अभी भी पांच मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में नेत्र कोष की स्थापना का काम लंबित है। सुविधा नहीं होने के कारण लोगों के स्वजन चाह कर भी नेत्रदान नहीं कर पाते हैं। वैसे बिहार में प्रतिवर्ष 12 हजार कार्निया की जरूरत पड़ती है लेकिन महज 250 से 300 ही उपलब्ध हो पा रही है।

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