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KK Pathak पर Rahul Gandhi को आया गुस्सा! Nitish Kumar से भी मांग लिया जवाब

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया है कि केके पाठक और बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों की प्रताड़ना निंदनीय है। शिक्षक-शिक्षिकाओं की अपनी भी जिम्मेदारियां होती हैं। उन्होंने लिखा प्रश्न यह कि उनके अपने बच्चे क्या उपेक्षित नहीं होंगे? क्या इतने मानसिक तनाव में शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का सही निर्वहन कर पाएंगे? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका उत्तर देना चाहिए।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Published: Thu, 16 May 2024 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2024 10:30 PM (IST)
KK Pathak पर Rahul Gandhi को आया गुस्सा! Nitish Kumar से भी मांग लिया जवाब

राज्य ब्यूरो, पटना। कांग्रेस का मानना है कि इस भीषण गर्मी के दृष्टिगत सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन के लिए सुबह छह से दोपहर दो बजे तक का समय निर्धारित किया जाना उचित नहीं। यह शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ स्कूली बच्चों को परेशान करने वाला निर्णय है और इसे अविलंब वापस लिया जाना चाहिए।

पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया है कि केके पाठक (शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव) और बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों की प्रताड़ना निंदनीय है। शिक्षक-शिक्षिकाओं की अपनी भी जिम्मेदारियां होती हैं।

उन्होंने लिखा, प्रश्न यह कि उनके अपने बच्चे क्या उपेक्षित नहीं होंगे? क्या इतने मानसिक तनाव में शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का सही निर्वहन कर पाएंगे? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका उत्तर देना चाहिए।

'इस फरमान का बुरा परिणाम होगा'

कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान ने एक्स पर वीडियो अपलोड कर कहा है कि बिहार में शिक्षा विभाग का एक और नया फरमान लागू हो गया है, जो स्कूली बच्चों के साथ शिक्षिकाओं के लिए अनुकूल नहीं। इस फरमान का बुरा परिणाम होगा। पठन-पाठन के लिए इस भीषण गर्मी में सुबह छह से दोपहर दो बजे तक सरकारी स्कूलों को खोले रखने का निर्देश है। इसका विचार किए बिना कि सरकारी स्कूलों के पास निजी विद्यालयों की तरह सुविधा-संसाधन नहीं।

उन्होंने कहा कि शिक्षिकाओं के लिए सरकारी स्कूल की ओर से वाहन नहीं मुहैया कराए जाते, जो इस भीषण गर्मी में बच्चे व शिक्षक, विशेषकर शिक्षिकाएं, स्कूल से घर तक आ-जा सकें। वस्तुत: शिक्षा विभाग शिक्षा देने के बजाय तानाशाही में विश्वास कर रहा है। कांग्रेस परेशान करने वाले ऐसे निर्देशों की भर्त्सना करती है।

कांग्रेस चाहती है कि बच्चे-बच्चियां शिक्षित-प्रशिक्षित हों और ऐसा शिक्षकों-प्रशिक्षकों को परेशान किए बिना भी हो सकता है। बिना कोई अतिरिक्त व्यवस्था किए इस तरह का निर्देश दिया जाना बच्चों व शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ ज्यादती है। कांग्रेस इस निर्देश को वापस लेने की मांग करती है।

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