बिहार के चुनावी रण में महिलाओं के लिए कठिन डगर, ये आंकड़े दे रहे गवाही, इन दो सीटों का और बुरा हाल
Bihar Lok Sabha Election 2024 बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए अब पांचवें चरण के मतदान की तैयारी हो रही है। प्रदेश में महिलाओं के लिए चुनावी डगर अब तक कठिन ही रही है। इनमें भी दो सीट ऐसी हैं जहां महिलाएं चुनाव मैदान में तो जरूर उतरीं। परंतु उन्हें भारी सफलता नहीं मिल सकी। प्रदेश के चुनावी आंकड़े कुछ इसी तरह की गवाही दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Lok Sabha Election : आजादी के बाद अबतक हुए 17 लोकसभा चुनावों में पटना जिले से तारकेश्वरी देवी और रामदुलारी सिन्हा संसद पहुंच चुकी हैं।
वहीं, परिसीमन के बाद एक भी महिला उम्मीदवार, पटना से दिल्ली का सफर तय नहीं कर सकी है। यद्यपि राज्यभर का आंकड़ा भी संतोषजनक नहीं है।
बिहार से अबतक केवल 25 महिला सांसद हुईं हैं उनमें से एक को तीन बार और सात को दो-दो बार सांसद बनने का मौका मिल सका। 15 महज एकबार ही चुनाव जीत सकीं।
इस बार भी बड़ी संख्या में महिलाएं किस्मत आजमा रहीं हैं जिनमें कुछ नामचीन चेहरे हैं तो कुछ सामान्य। प्रतिनिधित्व का आंकड़ा कैसा रहेगा यह तो चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा, लेकिन 2009 में बदले भौगोलिक परिदृश्य में दूसरी बार ऐसा है कि पटना साहिब से एक भी महिला मैदान में नहीं हैं।
एक नामांकन हुआ भी तो वह संवीक्षा में रद हो गया। वहीं पाटलिपुत्र सीट से चार महिलाएं चुनाव में उतर चुकी हैं।
2014 में पाटलिपुत्र और पटना साहिब में दिखी सशक्त उपस्थिति
2009 के आम चुनाव में बिहार में कुल 46 महिलाएं किस्मत आजमाने उतरी थीं। उनमें चार को जीत मिली, 37 की जमानत जब्त हो गई।
पाटलिपुत्र से किरण देवी और पंचा देवी ने चुनाव लड़ा था। लेकिन वे दोनों मिलकर पांच हजार वोट भी हासिल नहीं कर सकीं थीं। पटना साहिब से एक भी महिला मैदान में नहीं थीं।
2014 में पटना साहिब और पाटलिपुत्र सीट पर एक-एक महिला लेकिन सशक्त उम्मीदवार थीं। पटना साहिब से परवीन अमानुल्लाह और पाटलिपुत्र से डा. मीसा भारती ने चुनाव लड़ा। दोनों प्रत्याशी चुनाव हार गईं।
मीसा भारती को करीब साढ़े तीन लाख वोट मिले। राज्यभर में भी इस बार चुनाव लड़नेवाली महिलाओं की संख्या बढ़ी। कुल 47 ने चुनाव लड़ा लेकिन जीत महज तीन को मिली, 36 की जमानत जब्त हो गई।
सात महिलाएं उतरी थीं चुनाव के मैदान में
2019 में 46 महिलाओं ने चुनाव लड़ा। तीन को जीत मिली, 41 की जमानत जब्त हो गई। इस बार पटना साहिब और पाटलिपुत्र में महिलाओं की अच्छी उपस्थिति रही, एक बार फिर वोट के मामले में वे सशक्त नहीं दिख सकीं।
पटना साहिब से तीन जबकि पाटलिपुत्र से चार मुकाबले में उतरीं। पाटलिपुत्र से मीसा को छोड़ कोई 10 हजार वोट भी नहीं ला सकीं।
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