Patna University में 10 हजार तो पाटलिपुत्र विवि में नामांकन के लिए आए 85 हजार आवेदन, इस तारीख तक कर सकते हैं आवेदन
बिहार के पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और पटना विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक और त्रिवर्षीय स्नातक कोर्स में नामांकन प्रक्रिया चल रही है। शनिवार शाम तक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को 85 हजार आवेदन आए हैं जबकि पटना विश्वविद्यालय के लिए 10 हजार आवेदन आए हैं। बता दें कि पीयू आवेदन की अंतिम तिथि 20 मई निर्धारित है जबकि पीपीयू में अंतिम तिथि 25 मई निर्धारित है।
जागरण संवाददाता पटना। राजधानी पटना के प्रमुख विश्वविद्यालय पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय व पटना विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक (रेगुलर) एवं त्रिवर्षीय स्नातक (सेल्फ फाइनेंस) कोर्स में नामांकन प्रक्रिया चल रही है।
इसमें शनिवार की शाम तक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के लिए 85 हजार आवेदन आए हैं, जबकि पटना विश्वविद्यालय के लिए 10 हजार आवेदन आए।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में स्नातक नियमित कोर्स के लिए 83 हजार आवेदन तो सेल्फ फाइनेंस कोर्स के लिए दो हजार आवेदन आए हैं। पटना विवि में आठ हजार नियमित स्नातक प्रथम सेमेस्टर के लिए, जबकि दो हजार आवेदन सेल्फ फाइनेंस कोर्स के लिए आए हैं।
पीयू आवेदन की अंतिम तिथि 20 मई निर्धारित है, जबकि पीपीयू में अंतिम तिथि 25 मई निर्धारित है। पीयू में विश्वविद्यालय की ओर से रविवार को आवेदन की समीक्षा के बाद आवेदन की तिथि बढ़ाई जा सकती है।
इच्छुक अभ्यर्थी दोनों विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर जाकर आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। पटना विश्वविद्यालय के अधीन कालेज में कुल चार हजार पांच सौ 31 सीटें निर्धारित हैं, जबकि पीपीयू में करीब एक लाख 20 हजार सीटें निर्धारित हैं।
सीसीडीसी नियुक्ति मामले में VKSU कुलपति जवाब तलब
पटना हाईकोर्ट ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) से सीसीडीसी (कोर्डिनेटर ऑफ कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल) की नियुक्ति मामले में जबाब तलब किया है। न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने डॉ. नीरज की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया।
आवेदक के वकील ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट ने सीसीडीसी के पद पर आवेदक को नियुक्त करने का आदेश दिया था। इस आदेश के आलोक में उन्हें नियुक्त कर दिया गया। लेकिन, उक्त पद पर नियुक्ति को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया।
कमेटी ने आवेदक को अपना जबाब देने का निर्देश दिया। इसी बीच सीसीडीसी के पद पर एक अन्य व्यक्ति की नियुक्ति कर दी गई। उनका कहना था कि ऐसी कार्यवाही अदालती आदेश की अवमानना है।
विश्वविद्यालय की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सीसीडीसी नियुक्त करने के एकलपीठ के आदेश को अपील दायर कर चुनौती दी गई है। लेकिन, कोर्ट ने अब तक एकलपीठ के आदेश पर रोक नहीं लगाई है। इस पर आवेदक की ओर से बताया गया कि केवल अपील दायर कर देने से अदालती आदेश पर रोक नहीं लग जाता।
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