भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने बिहार में झोंकी ताकत, ओवैसी की पार्टी भी लगा रही जोर
चुनावी महासमर के अंतिम चरण का चुनाव पहुंचते ही एनडीए में भाजपा और आईएनडीआईए में कांग्रेस समेत प्रमुख दलों के स्टार प्रचारकों की नजर अब बिहार की आठ सीटों पर टिक गई है। ऐसा संकेत मोहन यादव राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ की अगले तीन दिनों में प्रस्तावित जनसभा से मिल रही है। वहीं राहुल गांधी की भी सोमवार को तीन जनसभाएं हैं।
रमण शुक्ला, पटना। लोकसभा रण में आखिरी यानी सातवें चरण में चुनाव पहुंचते ही राजग में भाजपा तो आइएनडीआइए में कांग्रेस समेत प्रमुख दलों के शीर्ष स्टार प्रचारकों की नजर बिहार की आठ सीटों पर टिक गई है। ऐसा संकेत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगले तीन दिनों में प्रस्तावित जनसभा से मिल रही है।
वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सोमवार को ताबड़तोड़ तीन जनसभाएं हैं। पटना साहिब में कांग्रेस प्रत्याशी के अलावा पाटलिपुत्र और आरा में क्रमश: राजद और भाकपा (माले) के प्रत्याशियों के पक्ष में राहुल की सभाएं होंगी।
एआइएमआइएम ने भी झोंकी ताकत
एआइएमआइएम (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिहार में ताकत झोक दी है।
सातवें चरण में पाटलिपुत्र में संसदीय क्षेत्र से फारूकी राजा बतौर एआइएमआइएम प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं तो दूसरी सीट पर काराकाट में एआइएमआइएम की प्रत्याशी प्रियंका प्रसाद चौधरी हैं।
दोनों प्रत्याशी के लिए ओवैसी के साथ ही उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं एक मात्र विधायक अख्तरुल ईमान भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।
आठों सीट पर राजग का कब्जा
सातवें चरण वाले आठों की आठ पर सीटों पर वर्तमान में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का कब्जा है। इसमें पांच पर भाजपा (पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, सासाराम एवं बक्सर) के सांसद हैं। जबकि तीन सीट जदयू (नालंदा,जहानाबाद एवं काराकाट) जदयू के पास है। लेकिन अबकी बार इसमें से एक सीट काराकाट से रालोमो (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसे में आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की कोशिश किसी भी सूरत में राजग की सीटों झटकने की है। इसी लक्ष्य के साथ इस बार पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक की सक्रियता बढ़ गई है।
यदुवंशियों को रिझाने आ रहे मोहन
भाजपा में नए नवेले यादव चेहरा के रूप में उभरे मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री मोहन यादव की सोमवार को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पहली बिहार आ रहे हैं। मोहन की पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में एक ही दिन में तीन जनसभा है।
अहम यह है कि तीनों की तीन जनसभा यादव बहुल क्षेत्रों में है। ऐसे में मोहन पर यदुवंशियों को रिझाने का दायित्व है। छह चरणों का चुनाव संपन्न होने के बाद यादवों के बीच मोहन को उतारने के पीछे भाजपा का सीधे-सीधे संदेश राजद प्रमुख लालू यादव के मतों को झटकना है।
कारण यह है कि सातवें चरण की आठ में दो सीटों पर कांटे की लड़ाई दिख रही है। इसमें पाटलिपुत्र के अलावा काराकाट संसदीय सीट सम्मिलित है।
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से लगातार दो बार हारने के बाद भी तीसरी बार जहां लालू यादव की बड़ी पुत्री मीसा भारती अपने मुंह बोले चाचा एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को चुनौती दे रही हैं।
वहीं, काराकाट में भोजपुरी फिल्म स्टार एवं गायक पवन सिंह निर्दलीय ताल ठोंकने के कारण राजग के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।
राजग से इस रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा हैं तो वामदल से आइएनडीआइए समर्थित राजाराम कुशवाहा हैं। ऐसे में इस सीट पर राजपूत मतों के बिखराव की संभवना बढ़ गई है।
इस वजह से भाजपा ने उपेंद्र की जीत सुनिश्चित करने के लिए इस सीट पर क्षत्रिय समाज के प्रमुख चेहरा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी आ रहे हैं। राजनाथ की 29 को काराकाट, पाटलिपुत्र एवं बक्सर संसदीय क्षेत्र में जनसभा होगी।
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