'मुख्यमंत्री जी इतना कमजोर क्यों...', नीतीश कुमार पर भड़के तेजस्वी, इशारों में केके पाठक पर भी किया अटैक
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्कूलों में बच्चों के बेहोश होने की घटना पर नाराजगी जाहिर की है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में न तो लोकतंत्र बचा है और न ही सरकार यहां केवल नौकरशाही रह गई है। तेजस्वी यादव ने कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नहीं सुनी जाती है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शेखपुरा के सरकारी स्कूलों में बच्चों के बेहोश होने की घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि बिहार में न तो लोकतंत्र बचा है न ही सरकार। केवल नौकरशाही रह गई है।
केके पाठक की तरफ इशारा करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि आलम यह है कि मुख्यमंत्री तक की बात नहीं सुनी जाती है। समझ जाइये क्या स्थिति है?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जी इतना कमजोर क्यों हो गए हैं। तापमान 47 डिग्री पर पहुंच गया है। इस हिसाब से जो छोटे बच्चे है उन्हें थोड़ी राहत मिलनी चाहिए, उनकी सुविधा का ध्यान लोगों को देना चाहिए। यह बात तो हर कोई कहेगा कि इस तापमान में बच्चों के लिए स्कूल खोलने की क्या जरूरत पड़ गई।
उन्होंने आधारभूत संरचना को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि बिहार में स्कलों की आधारभूत संरचना ऐसी नहीं है कि बच्चे स्कूल जाएंगे और सुरक्षित रहेंगे।
तेजस्वी यादव ने कहा क नौकरशाही किसी की बात नहीं सुन रही बावजूद मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर पा रहे हैं। स्पष्ट दिख रहा है कि मुख्यमंत्री को लोगों ने घेर रखा है और इनके हाथ में अब कुछ भी नहीं है।
तेजस्वी यादव ने समझाया रामराज्य मतलब
राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना : प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रामराज्य की अवधारणा को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार को जमकर घेरा है। बुधवार को चुनाव पर निकलने के क्रम में मीडिया से बात कर रहे थे।
तेजस्वी यादव ने रामराज्य को लेकर मोदी की नीतियों पर जोरदार प्रहार किया और कहा कि हमारी रामराज्य की अवधारणा में युवाओं को एक करोड़ नौकरी, गरीब महिलाओं को एक लाख सालाना, गरीबों को दस किलो राशन, सभी धर्मो और वर्गो में आपसी प्रेम, भाईचारा, समता, बंधुत्व और एक समान विकास है।
उन्होंने कहा कि रामराज्य वहां है जहां बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, नफरत, महिलाओं का अपमान और शोषण नहीं है, गैर-बराबरी नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा को शिक्षा-स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है।
तेजस्वी ने कहा कि वो धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं का दोहन कर केवल वोट बटोरना चाहते है। दस वर्षों में इन्होंने बिहार के लोगों को क्या दिया और गुजरात के लोगों को क्या दिया? यह हर बिहारी जानना चाहता है।
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