Snake Bite : बिहार में सिखाया जा रहा सांप के डंसने का इलाज, भीषण गर्मी के बीच आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
सर्पदंश की घटना के बाद पीड़ित जब अस्पताल आए तो कैसे उपचार करना है और क्या-क्या सावधानियां रखनी हैं। इसके बारे में ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सकों को विस्तार से समझाया गया। पहले चरण में सभी जिला अस्पताल से एक-एक डॉक्टर और इपिडेमोलाजिस्ट को प्रशिक्षित किया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बरसात के दौरान सांप और कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। भीषण गर्मी के बाद आने वाली बरसात के पूर्व स्वास्थ्य विभाग की पहल पर ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सक सांप काटने के बाद पीड़ित व्यक्ति की चिकित्सा के दौरान मानकों के पालन से अवगत हुए। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि सर्पदंश की घटना के बाद पीड़ित जब अस्पताल आए तो कैसे उपचार करना है और क्या-क्या सावधानियां रखनी हैं।
पहले चरण में सभी जिला अस्पताल से एक-एक डॉक्टर और इपिडेमोलाजिस्ट को प्रशिक्षित किया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बरसात के दौरान सांप और कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। प्रशिक्षण के क्रम में डॉक्टरों को बताया गया कि पहले रोगी को शांत कराएं।
काटने के बाद शरीर में जहर के कारण असह्य पीड़ा होती है
इसके बाद यह सुनिश्चित करें कि सांप जहरीला था या नहीं। अमूमन देखा जाता है कि गेहुंअन सांप दिन में काटता है। उसके काटने के बाद शरीर में जहर के कारण असह्य पीड़ा होती है। करैत सांप अक्सर रात के समय काटता है। करैत सांप के काटने पर चुभन महसूस होती है।
बताया गया कि ज्यादा मामलों में मरीज का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। उसकी मांसपेशियां शिथिल होने लगती हैं। मरीज की आंख पर उसका असर दिखने लगता है।
सांस संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज(सीएमसी), वेल्लोर के डॉ. अमिथ बालाचंद्रन, डॉ. अजीत शेवाले व चेन्नई की डॉ. ज्ञानेश्वर ने चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया।
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