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Misa Bharti: मीसा भारती ने लिया Lalu Yadav की हार का बदला, चाचा को हरा इस बड़े सपने को भी कर लिया पूरा

बिहार की पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र (Patliputra Lok Sabha Winner 2024) से भाजपा प्रत्याशी और दो बार के सांसद रामकृपाल यादव जीत की हैट्रिक नहीं लगा सके। उन्हें 85 हजार से अधिक मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा है। अमूमन हर राउंड में मीसा भारती (Misa Bharti) उनपर भारी पड़ीं। जीत से उत्साहित मीसा भारती ने कहा पाटलिपुत्र की जनता ने उन्हें ऋणी बना दिया है।

By Pawan Mishra Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 05 Jun 2024 04:59 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2024 04:59 PM (IST)
लालू की बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से जीतीं। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, पटना। लालू यादव की बेटी मीसा भारती का लोकसभा पहुंचने का सपना आखिरकार पूरा हो गया है। वह पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से जीत गई हैं। जीत से उत्साहित मीसा भारती ने पाटलिपुत्र की जनता को धन्यवाद दिया है।

मीसा ने कहा कि पाटलिपुत्र की जनता ने उन्हें ऋणी बना दिया है। ये ऋण वे चुका नहीं सकतीं हैं, लेकिन जिस उम्मीद से जनता ने चुना है उसपर खरा उतरने का प्रयास करूंगी। इस जीत में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू जी का अहम योगदान है।

पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर मीसा भारती ने एनडीए से भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव को 71 हजार 601 वोटों से हराया है। मीसा को 5 लाख 48 हजार 625 तो रामकृपाल यादव को 4 लाख 77 हजार 24 मत मिले।

ऊपर-नीचे होती रही सासें

पाटलिपुत्र लोकसभा सीट में 32 चक्र की मतगणना में अंत तक आगे-पीछे का खेल चलता रहा। प्रत्याशियों से समर्थकों तक की सांसें ऊपर-नीचे होती रहीं।

आखिर देरशाम मीसा भारती ने पिता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की 2009 में हुई हार का बदला ले लिया है। उन्होंने दो बार यहां से सांसद रहे एनडीए के भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव को 71 हजार 601 मतों से हरा दिया।

पाटलिपुत्र में 22 प्रत्याशी मैदान में थे और नोटा के तहत 5069 मत गिरे। इस क्षेत्र की दानापुर , मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज व बिक्रम विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां पहले भी कड़ी टक्कर रहती थी। 2019 में 57.23 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 25 उम्मीदवार थे। उस समय बीजेपी से तत्कालीन सांसद रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को 39 हजार से अधिक वोटों से हराया था।

2014 में बीजेपी के राम कृपाल यादव को 3 लाख 83 हजार 262 और मीसा भारती को 3 लाख 42 हजार 940 वोट मिले थे। उस समय तीसरे स्थान पर जेडीयू के रंजन प्रसाद यादव रहे थे, जिन्हें 97 हजार 228 व सीपीआइएमएल प्रत्याशी रामेश्वर प्रसाद को 51 हजार 623 वोट मिले थे। इस प्रकार मीसा भारती से पहले के चुनावों के तुलना में रामकृपाल को अबतक के सबसे अधिक अंतर से हराया है।

पाटलिपुत्र में राजद की पहली जीत

2008 में पहली पटना लोकसभा सीट को तोड़कर पटनासाहिब व पाटलिपुत्र में बांटा गया था। इसके बाद से यह पहली बार है, जब पाटलिपुत्र लोकसभा सीट में राजद के किसी प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। इस सीट से पूर्व में मीसा भारती के पिता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को भी जदयू के रंजन प्रसाद यादव ने भारी मतों से हराया था।

लालू-राबड़ी और तेजस्वी ने लगाया था जोर

पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में बढ़े मतदान के बाद से कई जानकार इस रिजल्ट का कयास लगा रहे थे। ऐसा हुआ भी। कई राउंड की मतगणना में रामकृपाल को एकाध बार ही बढ़त मिली। मीसा भारती शुरू से बढ़त बनाए हुईं थीं। लगातार दो बार उनसे मात खा चुकी राजद प्रत्याशी ने इस बार पूरी जोर लगा दी थी।

मीसा भारती की जीत के लिए खुद पिता लालू यादव, मां राबड़ी देवी, भाई तेजस्वी और तेजप्रताप ने उनके लिए जोरदार प्रचार-प्रसार किया। राहुल गांधी ने भी सभा की, नतीजा हुआ की मीसा भारती वोटरों को रिझाने में सफल हुईं।

पटना साहिब से एक बार फिर रविशंकर की जीत

पटना साहिब में एनडीए से भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद तो पाटलिपुत्र से आइएनडीआइए से राजद प्रत्याशी मीसा भारती ने चुनाव जीत लिया है। रविशंकर प्रसाद जहां 2019 में 2 लाख 84 हजार 657 वोटों से जीते थे, वहीं इस बार उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आईएडीआईए के कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल अविजित कुशवाहा काे 1 लाख 53 हजार 846 मत से हराया। रविशंकर को 5 लाख 88 हजार 270 तो अंशुल को 4 लाख 34 हजार 424 वोट मिले।

पटना साहिब में रविशंकर दूसरी, भाजपा लगातार चौथी जीत

हाईप्रोफाइल व कायस्थ बहुल सीट पटना साहिब हमेशा से भाजपा का गढ़ रही है। 2009 व 2014 में एनडीए के भाजपा प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा तो 2019 में रविशंकर प्रसाद रिकार्ड 2 लाख 84 हजार 657 मतों से विजयी रहे थे।

इसके पूर्व जब जिले में सिर्फ पटना लोकसभा सीट थी तो 2004 में यहां से राजद के टिकट पर रामकृपाल यादव चुनाव जीते थे और 2014 में भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके पूर्व पटना लोकसभा सीट से भाजपा के डॉ. सीपी ठाकुर तीन बार लोकसभा पहुंचे थे।

इस बार रविशंकर प्रसाद को 5 लाख 88 हजार 470 तो अंशुल को 4 लाख 34 हजार 42 वोट मिले। यहां नोटा के तहत 5559 मतदान हुआ। यहां कुल 17 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे थे। यहां के छह विधानसभा क्षेत्रों में से बख्तियारपुर व फतुहा में लगातार कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल बढ़त बनाए रहे। हालांकि, शहरी क्षेत्र पटना साहिब, कुम्हरार, दीघा व बांकीपुर के मतदाताओं ने रविशंकर को कड़े संघर्ष के बाद जिता दिया।

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