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Bihar News: कोर्ट से डिजिटल रूप में मिलेंगे कुर्की-वारंट और समन; ऑनलाइन जुड़ेंगे थाने और जेल; DGP आरएस भट्टी ने दी जानकारी

राज्य में जल्द ही सभी पुलिस थाने कोर्ट जेल और विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) आनलाइन जुड़ जाएंगे। कोर्ट से थानों को मिलने वाला कुर्की समन और वारंट भी डिजिटल रूप में मिलेगा। इसके लिए थानों में लागू सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) को आईसीजेएस (इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) से जोड़ा जाएगा। डीजीपी ने कहा कि यह बिहार पुलिस को पूरी तरह बदलने वाला कदम होगा।

By Rajat Kumar Edited By: Prateek Jain Published: Tue, 11 Jun 2024 03:15 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2024 03:15 PM (IST)
Bihar News: बिहार में अब कोर्ट से डिजिटली मिलेगा कुर्की-वारंट।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में जल्द ही सभी पुलिस थाने, कोर्ट, जेल और विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) आनलाइन जुड़ जाएंगे। कोर्ट से थानों को मिलने वाला कुर्की, समन और वारंट भी डिजिटल रूप में मिलेगा। इसके लिए थानों में लागू सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) को आईसीजेएस (इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) से जोड़ा जाएगा।

डीजीपी आरएस भट्टी ने सोमवार को राजधानी के ज्ञान भवन में नए आपराधिक कानूनों व डिजिटल पुलिसिंग को लेकर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पुलिस पदाधिकारियों को नई व्यवस्था की जानकारी दी। डीजीपी ने कहा कि यह बिहार पुलिस को पूरी तरह बदलने वाला कदम होगा।

आइसीजेएस से जुड़ने के बाद एक तरह से पूरा न्यायालय उससे जुड़ जाएगा। थानों को पेशकार के साथ होने वाली परेशानी भी धीरे-धीरे पूरी तरह खत्म हो जाएगी। डिजिटल पुलिसिंग को लागू करने के लिए थानों में तैनात सभी आइओ (अनुसंधान पदाधिकारियों) को लैपटाप उपलब्ध कराए जाएंगे जिसके जरिए ई-इन्वेस्टिगेशन लागू किया जाएगा।

कोर्ट से समन, वारंट आदि पुलिस पदाधिकारियों को डिजिटली भेजे जा सकेंगे और पुलिस पदाधिकारी द्वारा इसका तामिला रिपोर्ट भी डिजिटली अपलोड की जाएगी। इससे न्याय प्रक्रिया में तेजी भी आएगी। इसेक अलावा जेल से छूटने वाले अपराधियों पर भी नई व्यवस्था के तहत नजर रखी जा सकेगी। 

स्मार्टफोन से डिजिटल साक्ष्य जमा करेंगे आईओ 

एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि आइओ को स्मार्टफोन भी दिया जाएगा जिसका इस्तेमाल डिजिटल साक्ष्य जमा करने में किया जाएगा। इसके लिए वह घटनास्थल पर जाकर उसकी फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी करेंगे। साथ ही पीडि़तों और गवाहों का बयान भी डिजिटली रिकार्ड किया जाएगा, ताकि उसमें छेड़छाड़ की संभावना न हो।

डिजिटल पुलिसिंग में थानेदार के साथ आइओ भी केस डायरी आनलाइन देख सकेंगे। इसके अलावा थानेदार आइओ को केस भी डिजिटल ट्रांसफर करेंगे। इसके लिए सभी आईओ को एक कोड दिया जाएगा। किस केस में क्या प्रगति हुई, इसकी मानीटरिंग भी एक क्लिक पर हो सकेगी।


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