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Nitish Kumar: 'नीतीश कुमार एक बार फिर PM मोदी के पैर पकड़ लें...', गुस्से-गुस्से में ये क्या बोल गए तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपनी चुनावी सभाओं के दौरान भी कहा था कि भाजपा के लोग आरक्षण विरोधी लोग हैं। हम लोगों ने जब जातीय गणना भी कराई उस दौरान भी यह लोग इसे रोकने में लगे थे। तेजस्वी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने कई बार प्रधानमंत्री के पैर पकड़े हैं एक बार और पकड़ लें और प्रस्ताव की अनुसूची नौ में शामिल कराएं।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Published: Thu, 20 Jun 2024 08:36 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2024 08:36 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजद नेता तेजस्वी यादव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने का फैसला पलटने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। तेजस्वी यादव ने कहा कि जिसका अंदेशा था वही हुआ। कोर्ट के इस फैसले से हम लोग आहत हुए हैं।

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सर्वोच्च न्यायालय जाए यदि सरकार नही जाएगी तो राजद निश्चित रूप से सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटाखटाएगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने अपनी चुनावी सभाओं के दौरान भी कहा था कि भाजपा के लोग आरक्षण विरोधी लोग हैं। हम लोगों ने जब जाति आधारित गणना भी कराई उस दौरान भी भाजपा के लोगों ने इसे येन-केन-प्रकारेण रोकने के प्रयास किए। सॉलिसिटर जनरल तक को कोर्ट में खड़ा किया गया, लेकिन हम लोगों की जीत हुई। इसके बाद हम लोगों ने जाति आधारित सर्वे भी कराया। जिसके बाद पिछड़ों, अति-पिछड़ों अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई।

'मुख्यमंत्री इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?'

इसके बाद कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर आरक्षण बढ़ाने के प्रस्ताव को संविधान की अनुसूची नौ में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया, ताकि तमिलनाडु की तर्ज पर यह फैसला सुरक्षित रहे, लेकिन इस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि पता नहीं इस मामले में मुख्यमंत्री और जदयू चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने कई बार प्रधानमंत्री के पैर पकड़े हैं आग्रह है एक बार और पकड़ लें और प्रस्ताव की अनुसूची नौ में शामिल कराएं।

उन्होंने कहा, मेरा यह प्रस्ताव भी है कि सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल इस मामले में प्रधानमंत्री से भी मिले। उन्होंने कहा कि आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर हम लोगों ने लड़ाई लड़ी है और जरूरत पड़ेगी तो आगे भी लड़ेंगे।

उपेंद्र कुशवाहा बोले, फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, सरकार अपील में जाए

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी आरक्षण की सीमा बढ़ाने का फैसला कोर्ट द्वारा रद्द होने पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को इस मामले को लेकर अपील में जाना चाहिए।

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