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Digital Health Yojana: नीतीश सरकार ने कर दिया बड़ा काम, BSNL के अलावा इन कंपनियों को भी दे दी ये जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत चल रही भव्या योजना को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब तक राज्य सरकार ने अस्पतालों के आकड़ें को इंटरनेट पर अपलोड करने के लिए केवल बीएसएनएल इंटरनेट प्रदाता की सेवाएं लेने की अनुमति दी थी। अब इसके लिए बीएसएनएल के अलावा अन्य इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की भी सेवा ली जा सकती है।

By Sunil Raj Edited By: Mukul Kumar Published: Wed, 26 Jun 2024 02:58 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2024 02:58 PM (IST)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News In Hindi मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत चलने वाली भव्या (बिहार हेल्थ एप्लीकेशन विजनरी स्कीम फॉर ऑल) योजना के प्लेटफार्म पर अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक के आंकड़े बिना बाधा अपलोड होंगे।

असल में राज्य सरकार (Bihar Government Nitish Government) ने आंकड़े अपलोड करने के लिए बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) के अलावा वैकल्पिक इंटरनेट प्रदाता की सेवाएं लेने की भी अनुमति दे दी है।

जानकारी के अनुसार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालन निदेशक सुहर्ष भगत ने सरकार के निर्णय से सभी जिलों के सिविल सर्जनों को भी अवगत करा दिया है।

भव्या डिजिटल प्लेटफार्म पर जिला अस्पतालों के साथ ही अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक के सभी आंकड़े और रिपोर्ट अपलोड हो रही है।

अनुमंडलीय अस्पतालों में 20 एमबीपीएस की मिल रही स्पीड

आंकड़े बिना बाधा के अपलोड हो इसके लिए आवश्यक है कि इंटरनेट की निरंतरता बिना रुकावट बेहद आवश्यक होती है। इसी वजह से बीएसएनएल (BSNL) के अलावा इंटरनेट सेवा के दूसरे प्रदाताओं को भी योजना में शामिल करने की अनुमति दी गई है।

जानकारी के अनुसार, अभी बीएसएनएल जिला अस्पतालों को 110 एमबीपीसी की गति वाली सेवाएं दे रहा है। जबकि अनुमंडलीय अस्पतालों में 20 एमबीपीएस, रेफरल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10-10 एमबीपीएस इंटरनेट स्पीड की व्यवस्था की गई है।

स्वास्थ्य समिति के आदेश के अनुसार बीएसएनएल के अलावा जिला अस्पताल में प्रति माह अधिकतम 2500 रुपये और अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महीने में ज्यादा से ज्यादा दो हजार रुपये वैकल्पिक इंटरनेट सेवा प्रदाता की सेवा लेने में खर्च कर सकेंगे। राशि का भुगतान अस्पताल अपने यहां गठित रोगी कल्याण समिति से कर सकेंगे।

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