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I.N.D.I.A में पड़ जाएगी फूट? नीतीश कुमार की पार्टी ने किया बड़ा दावा, कांग्रेस की बढ़ेगी टेंशन!

ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से सदन का स्पीकर चुन लिया गया। वे लगातार दूसरी बार लोकसभा के स्पीकर चुने गए हैं। स्पीकर पद के लिए आईएनडीआईए ने के. सुरेश को अपना उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन उसने मत विभाजन की मांग नहीं की। बता दें कि यदि एक भी सांसद मत विभाजन की मांग कर दे तो वोटिंग अनिवार्य रूप से होती है।

By Mohit Tripathi Edited By: Mohit Tripathi Published: Thu, 27 Jun 2024 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2024 09:00 AM (IST)
आईएनडीआईए द्वारा वोट डिवीजन की मांग नहीं करने पर सियासत तेज। (फाइल फोटो)

डिजिटल डेस्क, पटना। आईएनडीआईए द्वारा वोट डिवीजन की मांग नहीं करने पर अब सियासत भी तेज हो गई है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने दावा किया है कि विपक्ष को पता था कि उसके पास नंबर नहीं है। यदि ये वोट डिवीजन की मांग करते तो इससे उनके अंदर की जो गांठें हैं, वह भी उजागर हो जातीं।

उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के फ्लोर प्रबंधन की खामियां एक दिन पहले ही दिख गई थीं, जब टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी का बयान सामने आया। जयराम रमेश का कहना था कि उन्होंने मत विभाजन के लिए नहीं कहा था। जबकि, अभिषेक बनर्जी का कहना था कि उन्होंने इसके लिए कहा था।

कांग्रेस को चुनौती देंगी टीएमसी, आप जैसी पार्टियां 

राजीव रंजन ने कहा कि गठबंधन (आईएनडीआईए) के अंदर की गांठें अब बाहर आने लगी हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो टीएमसी और आम आदमी पार्टी जैसी पार्टियां इनके लिए (कांग्रेस) भविष्य में काफी चुनौतियों खड़ी करेंगी।

के. सुरेश के नाम पर टीएमसी ने बनाई दूरी

बता दें कि स्पीकर पद के लिए आईएनडीआईए के प्रमुख घटक दलों कांग्रेस, एसपी, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी ने के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव पेश किया, लेकिन टीएमसी ने इससे दूर रही। वहीं, एनडीए की तरफ से पीएम मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे प्रोटेम स्पीकर ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।

टीएमसी ने क्या बनाई दूरी?

टीएमसी की शिकायत थी कि के. सुरेश के नाम को लेकर उससे सलाह नहीं की गई। कांग्रेस ने जब मनाने की कोशिश की, लेकिन शायद बात नहीं बन पाई।

जयराम रमेश और अभिषेक बनर्जी ने क्या कहा?

एक तरफ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आईएनडीआईए ने स्पीकर पद के लिए के. सुरेश का नाम प्रस्तावित करके लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया है। आईएनडीआईए वोट डिवीजन के लिए दबाव डाल सकती थी, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।

वहीं, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि कई सांसदों द्वारा वोटिंग की मांग की गई थी, लेकिन प्रोटेम स्पीकर ने वोट डिवीजन की अनुमति नहीं दी, क्योंकि उनके पास चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त नंबर नहीं था।

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