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Bihar News: शैक्षणिक योजनाओं के करोड़ों रुपये निगल गए ये 4 अधिकारी; जांच में खुली पोल तो विभाग ने लिया तगड़ा एक्शन

शिक्षा विभाग ने किशनगंज में शैक्षणिक योजनाओं में करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाले डीईओ दो डीपीओ और दो क्लर्क पर तगड़ा एक्शन लिया है। विभाग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर इन आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनमें किशनगंज के वर्तमान डीईओ मोतीउर रहमान और पूर्व डीईओ सुभाष गुप्ता शामिल हैं जो अभी गोपालगंज में डीईओ पद पर तैनात हैं शामिल हैं।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mohit Tripathi Published: Tue, 02 Jul 2024 04:12 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2024 04:12 PM (IST)
घोटालेबाज अधिकारियों पर शिक्षा विभाग का तगड़ा एक्शन। (सांकेतिक फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने किशनगंज जिले में विभिन्न शैक्षणिक योजनाओं में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोपी दो जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ), दो जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) और दो लिपिक पर कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

इनमें किशनगंज के वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतीउर रहमान और पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता, जो वर्तमान में गोपालगंज में डीईओ पद पर तैनात हैं, शामिल हैं।

घोटाले के सूत्रधार किशनंगज के डीपीओ (समग्र शिक्षा) सुरज कुमार झा और डीपीओ (स्थापना) राजेश कुमार सिन्हा, लिपिक तौकीर आलम और अरुण कुमार को भी निलंबित किया गया है।

वहीं, जिला शिक्षा कार्यालय, किशनगंज के कर्मचारी उत्तम कुमार और तुफैल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई शिक्षा विभाग ने किशनगंज के जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर की है।

फर्जी बिल पर करोड़ों का भुगतान

शिक्षा विभाग के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि विभाग के आदेश पर किशनगंज के जिलाधिकारी ने विभिन्न शैक्षणिक योजनाओं में बरती गई वित्तीय अनियमितता की शिकायत की जांच वहां के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) की अध्यक्षता में गठित कमेटी से करायी थी।

जांच में करोड़ों रुपये के गबन करने का खुलासा हुआ। रिपोर्ट में कई खुलासे चौंकाने वाले हैं। मसलन, फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये की राशि उन पदाधिकारियों ने डकार ली, जिन्हें विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन कराने और उसकी निगरानी की जवाबदेही दी गई थी।

इन योजनाओं के क्रियान्वयन में निगल गए करोड़ों

किशनगंज में विद्यालयों के लिए खरीद की गई बेंच-डेस्क में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता पकड़ी गई है। विद्यालयों में हाउस किपिंग की व्यवस्था और रात्रि प्रहरी की नियुक्ति और उसके भुगतान के नाम पर राशि में हेराफेरी की गई।

विद्यालयों के जीर्णोद्धार और उनमें पेयजल व्यवस्था के नाम पर फर्जी बिल के आधार पर राशि भुगतान का मामला उजागर हुआ है।

फिलहाल, पूरी जांच के आधार पर निलंबित किए गए चारों पदाधिकारियों और दोनों लिपिकों पर आगे की कार्रवाई होगी। संभव है कि ये सभी पदाधिकारी सेवा से बर्खास्त किए जा सकते हैं।

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