Bihar Politics: मनोज झा को अचानक क्यों आई 'फुलेरा पंचायत' के प्रधान की याद? राज्यसभा में कुछ यूं कसा तंज
सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर हुई। इस अभिभाषण में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद प्रोफेसर मनोज झा (Manoj Jha) ने भी राज्यसभा में अपना संबोधन देते हुए प्रसिद्ध वेब सीरीज पंचायत का भी जिक्र किया। अपने भाषण के दौरान मनोज झा ने चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। इसके अलावा जाति आधारित सर्वे का भी उन्होंने जिक्र किया।
डिजिटल डेस्क, पटना। Manoj Jha On Panchayat Web Series राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर चर्चा की गई। इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने भी संबोधन दिया। उन्होंने अपने भाषण के दौरान मशहूर वेब सीरीज पंचायत का भी जिक्र किया। इस दौरान मनोज झा ने चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाए।
पंचायत वेब सीरीज का किया जिक्र
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता का एक सर्वे हुआ और इस सर्वे पर केवल 28 फिसदी लोगों का भरोसा है। इससे ज्यादा भरोसा तो 'पंचायत' वेब सीरीज में फुलेरा के ग्राम प्रधान पर है। लोगों को सोचना चाहिए।
जाति आधारित सर्वे पर ये बोले मनोज झा
इसके अलावा मनोज झा ने कहा कि राजद के प्रयासों से जाति आधारित सर्वे हुआ, उसके अनुसार आरक्षण सीमा बढ़ाकर 65 प्रतिशत की गई। मोदी सरकार ने सॉलिसिटर जनरल तक को सुप्रीम कोर्ट में खड़ा कर दिया था। अब 65 प्रतिशत को मोदी जी 9वीं अनुसूची में नहीं डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जातिगत पिरामिड में नीचे जाते हैं तो गरीबी बढ़ती है, ऊपर जाते हैं तो अमीरी बढ़ती है। एनएफएस भी चिंता का विषय है। जो नॉन फाउंड सूटेबल करता है, वो मानसिक रोगी है। इस मानसिक रोग का नाम ही जातिवाद है। इसी एनएफएस से द्रोणाचार्यों ने लाखों एकलव्यों की जिंदगी तबाह की है।
उमर खालिद, मीरान हैदर, खालिद सैफी को लेकर बुलंद की आवाज
उन्होंने अपने भाषण के दौरान उमर खालिद, मीरान हैदर और खालिद सैफी को लेकर बुलंद आवाज में चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन जैसे जवानों के द्वारा की गई सरकार की आलोचना को देश की आलोचना बना दिया गया।
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