पटना HC ने गया के न्यायिक दंडाधिकारी को जारी किया नोटिस, पूछा- क्यों न अदालती अवमानना का मामला बनाया जाए
Bihar News एक वर्ष से अधिक समय तक हाई कोर्ट के आदेश के पालन नहीं करने के मामले पर गंभीर रुख अपनाते हुए पटना हाई कोर्ट ने गया के एक न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नोटिस गया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के माध्यम से हस्तगत कराया जाए।
विधि संवाददाता, पटना। एक वर्ष से अधिक समय तक हाई कोर्ट के आदेश के पालन नहीं करने के मामले पर गंभीर रुख अपनाते हुए पटना हाई कोर्ट ने गया के एक न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
हाई कोर्ट ने न्यायिक दंडाधिकारी से पूछा है कि अदालती आदेश का पालन नहीं किए जाने पर क्यों नहीं उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई प्रारंभ की जाए? कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नोटिस गया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के माध्यम से हस्तगत कराया जाए।
'दंडाधिकारी ने एक साल से अधिक लटकाया मामला'
न्यायाधीश संदीप कुमार की एकल पीठ ने अशोक कुमार की याचिका पर वरीय अधिवक्ता शशि शेखर द्विवेदी को सुनने के बाद उक्त निर्देश दिया।
द्विवेदी में बताया कि हाई कोर्ट ने 21 मार्च, 2023 को संबंधित न्यायिक दंडाधिकारी को यह निर्देश दिया था कि दोनों पक्षों द्वारा किए गए समझौता के आधार पर लंबित मुकदमे का निपटारा दो माह के अंदर निश्चित रूप से करें, लेकिन मामले का निपटारा नहीं हुआ।
द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि अगर दो माह तक सूचक कोर्ट में उपस्थित नहीं होती है तो निचली अदालत इस मामले का निष्पादन तुरंत कर देगा, लेकिन संबंधित दंडाधिकारी द्वारा इस मामले को एक वर्ष से अधिक अवधि तक लटका कर रखा गया है।
यह भी पढ़ें -