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Bihar By Election: कौन लेगा मांझी की जगह? JDU के ऑफर को HAM ने किया रिजेक्ट; तीन सीटों पर अपनों ने बढ़ाई टेंशन

Bihar Politics बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। दरअसल चार विधायक अब सासंद बन चुके हैं। ऐसे में उन्हें अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा देना है। एक सीट पर रास्ता क्लियर है लेकिन तीन सीटों पर अपने ने पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है। मांझी समेत कई नेताओं के रिश्तेदार उन सीटों पर मजबूत दावेदारी कर रहे हैं।

By Arun Ashesh Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 04 Jul 2024 09:12 PM (IST)
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तीन सीटों पर अपनों ने बढ़ाई पार्टी की टेंशन

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News Hindi राजनीतिक दलों के स्तर पर चार विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। चार विधायकों के सांसद बनने के कारण तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होगा। आयोग की अधिसूचना की प्रतीक्षा में टिकट के दावेदार दलों का चक्कर लगा रहे हैं।

2020 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly By Election) में रामगढ़ और बेलागंज राजद, तरारी भाकपा माले और इमामगंज की सीट हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के हिस्से में आई थी। इनमें तरारी को छोड़ कर बाकी तीन सीटें जीते सांसदों के परिवार में ही रहने की संभावना है। बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह के भाई अजित सिंह रामगढ़ से राजद के दावेदार हैं।

जदयू का ऑफर मांझी ने नहीं किया स्वीकार 

भाजपा की ओर से पिछले चुनाव में खड़े अशोक कुमार सिंह मामूली वोटों के अंतर से वे तीसरे नंबर पर थे। दूसरा स्थान बसपा के अंबिका सिंह को मिला था। बेलागंज विधानसभा सीट के लिए राजद सांसद सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ की अर्जी लगी हुई है।

बेलागंज से 2020 में चुनाव में जदयू (JDU) के उम्मीदवार रहे अभय कुशवाहा अब औरंगाबाद से राजद के सांसद हैं। जदयू की पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी के पुत्र की बेलागंज पर दावेदारी है। वैसे, जदयू ने हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को इमामगंज के बदले बेलागंज से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। मोर्चा राजी नहीं हुआ।

मांझी की पार्टी से कौन होगा उम्मीदवार?

इमामगंज में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के स्वजन ही एनडीए उम्मीदवार होंगे। उधर तरारी में पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय ऊर्फ सुनील पांडेय भ्रमण कर रहे हैं। माले विधायक सुदामा प्रसाद के सांसद बनने के कारण वहां उप चुनाव होगा। माले अपने कार्यकर्ता को टिकट देगा।

सुनील पांडेय को एनडीए के किसी दल से टिकट की उम्मीद है। पांडेय एक बार समता पार्टी और दो बार जदयू टिकट पर विधायक रह चुके हैं।

2020 के विस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से वे दूसरे नंबर पर रहे। उस चुनाव में एनडीए की ओर से भाजपा उम्मीदवार कौशलेंद्र विद्यार्थी वोटों के भारी अंतर से तीसरे नंबर पर चले गए थे।

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