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Bihar Flood: बिहार में बाढ़ का कहर शुरू, बेतिया के 300 घरों में घुसा पानी; हर घंटे तेजी से बढ़ रहा नदियों का जलस्तर

Bihar Flood News बिहार में बाढ़ का कहर तेजी से बढ़ रहा है। कमला बलान महानंदा और गंगा के जलस्तर में काफी वृद्धि देखा गया है। नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। बताया जा रहा है कि बेतिया के 300 घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। लोगों के बीच इसको लेकर अफरा-तफरी का माहौल है।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 09 Jul 2024 08:15 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में नदियों के जलस्तर में मंगलवार को कई इलाकों में वृद्धि हुई तो कई जगहों पर कमी आई है। कोसी तटबंध पर अपना दबाव बना रही है। 32 फाटकों से कोसी का पानी निकाला जा रहा है।

पश्चिम चंपारण के रामनगर में नदियों का जलस्तर सामान्य हो गया है, लेकिन आधा दर्जन गांवों में मुख्य सड़क पर कटान होने से आवागमन में दिक्कत हो रही है। मसान, हरहा, भलुई, कापन आदि नदियों ने गन्ना एवं धान के खेत का कटान किया है। बेतिया के बैरिया दियारे के नौ गांवों के 300 घरों में बाढ़ का पानी घुसा है।

योगापट्टी दियारे के 150 घरों में तीसरे दिन भी बाढ़ का पानी नहीं निकला। नौतन के करीब 200 परिवार बाढ़ में घिरा हुआ है। उनको सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाने के लिए आपदा मित्रों की टीम लगाई गई है। मधुबनी के बाबूबरही में कमला बलान नदी के जलस्तर में मंगलवार दोपहर से तेजी से वृद्धि हो रही है।

इससे बेला, बक्साही तथा बिठौनी व बिठौनी कमला के अंदर के गांव के लोगों का एक दूसरों से संपर्क भंग हो गया है। दरभंगा में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि से कमला बलान नदी के पूरब बसे कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की चार पंचायतों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है।

गंडक नदी में भी बढ़ा पानी

वाल्मीकिनगर बराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से मोतिहारी के अरेराज प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। कोसी, महानंदा और गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मुंगेर में गंगा का पानी तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।

सुपौल में कोसी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। कोसी का जलस्राव शाम चार बजे 2,42,055 पर पहुंच गया है। बांध के 32 फाटक उठाकर इसे पासआउट कराया जा रहा है। सहरसा में दूसरे दिन कोसी का जलस्तर घटने का सिलसिला जारी रहा।

मधेपुरा में कोसी का जलस्तर बढ़ने से चौसा के फुलौत, आलमनगर के रतवारा, मुरौत, अमनी गांवों में बाढ़ का खतरा बरकरार है। अररिया जिले से होकर बहने वाली बकरा, परमान और नूना नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव हो रहा है। जोकीहाट में बकरा, परमान व कनकई उफान पर है।

प्रखंड की चीरह पंचायत के कलकली गांव वार्ड 14 में नवनिर्मित मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की सड़क व कल्वर्ट टूट गया है। खगड़िया के बलतारा में कोसी 77 सेंटीमीटर, संतोष जलद्वार के पास बागमती एक मीटर 19 सेंटीमीटर व कटिहार में महानंदा खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर ऊपर बह रहीं है।

किशनगंज में महानंदा, कनकई, मेची, रतुआ आदि नदियों के जलस्तर में कमी आई है। गंगा और कोसी के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि दर्ज की जा रहीं है। महानंदा का पानी निचले क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है। वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी का पानी दियारा के नए गांवों में फैल गया।

सदर प्रखंड के अलावा मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंड के 26 गांव प्रभावित हुए हैं। परिसर में पानी घुसने से नौ विद्यालयों में पठन पाठन ठप हो गया है। लगभग दो दर्जन गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है।

गंडक के जलस्तर में तेजी से वृद्धि के कारण पूरी रात अधिकारियों की टीम तटबंध की निगरानी में लगी रही। डीएम मो. मकसूद आलम ने संबंधित अंचल पदाधिकारियों के साथ बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।

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