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Bihar Politics: बीमा भारती के बारे में नीतीश कुमार की भविष्यवाणी सही हुई, कलाधर की हार ने दिया संदेश

Bihar Politics बिहार में रूपौली उपचुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जेडीयू और आरजेडी के उम्मीदवार को धूल चटाकर रख दी। उन्होंने जहां जेडीयू के कलाधर मंडल को 8246 मतों से शिकस्त दी वहीं बीमा भारती को 37451 वोटों से हरा दिया। इन सब के बीच सबसे चौंकाने वाली हार बीमा भारती की रही जिनके पक्ष में पप्पू यादव ने भी वोट मांगा था।

By Arun Ashesh Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sun, 14 Jul 2024 03:08 PM (IST)
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नीतीश कुमार और बीमा भारती (जागरण फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: जदयू से अलग होकर बीमा भारती (Bima Bharti) के न जीतने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की भविष्यवाणी सही हुई। लेकिन, राजग के सभी घटक दलों के बड़े-बड़े नेताओं के जुटान के बावजूद जदयू उम्मीदवार कलाधर मंडल की हार ने कुछ बड़ा संदेश भी दिया।

कलाधर मंडल की जीत के लिए वोट की अपील करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गए थे। भावनात्मक भाषण दिया कि उन्होंने बीमा को बहुत इज्जत दी थी। लेकिन, वह छोड़ कर चली गईं।

कई दिग्गज पहुंचे थे रुपौली लेकिन फिर भी नहीं जीत सके कलाधर

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, उप सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, नीरज कुमार बब्लू, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह सहित दर्जनों नेता रुपौली पहुंचे थे।फिर भी जदयू की जीत नहीं हो सकी।

बीमा भारती (Bima Bharti) तीन बार जदयू के टिकट पर जीती थीं। जदयू के लिए यह लगातार जीतने वाली सीट रही है। इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब विश्वास मत हासिल कर रहे थे, राजद ने राजग के दर्जन भर विधायकों को विश्वासमत के विरूद्ध मतदान के लिए राजी कर लिया था। उनमें बीमा भी थीं।

सीएम नीतीश कुमार ने बीमा भारती के बारे में पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी

योजना की जानकारी राजग के नेतृत्व को लगी तो बचाव के उपाय किए गए। राजग के बदले राजद और कांग्रेस के विधायक टूट कर सत्ता पक्ष में बैठ गए। लेकिन, बीमा अंतत: जदयू से अलग हो गईं। उसी समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह जदयू के वोट से जीत कर आईं हैं और दल से अलग होकर चुनाव नहीं जीत सकती हैं। बीमा राजद टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव लड़ीं। तीसरे नम्बर पर रहीं। रूपौली उप चुनाव में भी उन्हें यही दर्जा हासिल हुआ।

बीमा भारती के लिए विपक्ष का भी बड़ा जमावड़ा

रूपौली उप चुनाव में सिर्फ राजग का सबकुछ दांव पर नहीं लगा था। विपक्षी महागठबंधन भी इसके परिणाम के आधार पर अगले विधानसभा चुनाव के लिए सपने बुन रहा था। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने लोकसभा में नए बने राजद संसदीय दल के नेता अभय कुशवाहा को रूपौली में इस लक्ष्य के साथ लांच किया था कि कुशवाहा वोटर राजद उम्मीदवार के पक्ष में जम कर मतदान करेंगे।

विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी भी डटे थे। यहां राजद के माय समीकरण की एकजुटता भी दड़क गई। लोकसभा चुनाव में निर्दलीय की हैसियत से बीमा भारती की जमानत जब्त कराने वाले पप्पू यादव उप चुनाव में उनके लिए (बीमा भारती) वोट मांग रहे थे।

तेजस्वी यादव ने स्वयं कैंप किया। महागठबंधन के घटक दलों के नेता भी घर-घर घूम रहे थे।आंकलन यह था कि उप चुनाव में राजद की जीत से अगले विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। परिणाम मनोबल बढ़ाने के बदले कमजोर करने वाला प्रमाणित हुआ। मनोबल तो जदयू का भी टूटा। फिर भी दूसरे नम्बर पर रहने से उसे राहत मिली है। जदयू के लिए संदेश यह है कि सबकुछ उतना ही ठीक नहीं है, जितना नेतृत्व को बताया जा रहा है।

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