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Bihar Cab Service: बिहार में कैब सेवा के लिए परमिट और आवेदन शुल्क घटा, छोटे शहरों के वाहन मालिकों की बल्ले-बल्ले

Bihar Cabinet बिहार सरकार ने कैब सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए परमिट और आवेदन शुल्क में भारी कटौती की है। इस कदम से निजी वाहन मालिक अपने वाहनों को व्यवसायिक उपयोग कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि इससे आम नागरिकों को सुलभ परिवहन सेवा मिल सकेगी। इसके साथ ही छोटे शहरों में भी ऐसी सेवाएं शुरू हो सकेंगी।

By Sunil Raj Edited By: Yogesh Sahu Updated: Thu, 22 Aug 2024 12:50 AM (IST)
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Bihar Cab Service: विभिन्न वाहनों के परमिट, आवेदन शुल्क में हुई भारी कटौती।

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Cab Service: बिहार की राजधानी पटना के साथ ही राज्य के दूसरे शहरों में ओला, उबर, रैपिडो जैसी व्यवसायिक सेवा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने परमिट और आवेदन शुल्क में भारी कटौती कर दी है।

सरकार के इस निर्णय से निजी वाहन मालिक अपने वाहनों को व्यवसायिक उपयोग कर सकेंगे। इस व्यवस्था का प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने मोटर वाहन नियमावली के अधीन पूर्व से निर्धारित नियम 74 और 82 में संशोधन कर दिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक (Bihar Cabinet) में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। बैठक में कुल 31 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

मिनी बस से लेकर बाइक तक के शुल्क में कमी

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि प्रदेश में चलने वाले विभिन्न तरह के वाहनों के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित है। जो अत्याधिक जटिल हैं।

इसे लेकर सरकार ने आवेदन, परमिट, प्रोसेसिंग शुल्क में भारी कटौती कर दी है। सरकार के इस निर्णय से वाहनों के मालिक अपने वाहनों का व्यवसायिक उपयोग के लिए आकर्षित होंगे तथा एग्रीगेटर कंपनियों जैसे ओला, उबर, रैपिडो अपने वाहन पटना के अलावा अन्य जिलों में भी विस्तार कर सकेंगे।

सरकार का मानना है कि इससे आम नागरिकों को सुलभ परिवहन सेवा मिल सकेगी। डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार, आवेदन, परमिट और प्रोसेसिंग शुल्क एक क्षेत्र, दो क्षेत्र या पूरे बिहार के लिए अलग-अलग निर्धारित है। अब संपूर्ण बिहार के लिए शुल्क से क्षेत्र हटाकर पूरा बिहार कर दिया गया है। इसी को आधार मानकर शुल्क लिया जाएगा।

वाहन और शुल्क जिसमें की गई कमी

वाहन वर्तमान शुल्क संशोधित शुल्क
मोटर बाइक 1650 1150
ऑटो रिक्शा 5650 1150
मोटर कैब (5-7 सीट) 23650 4150
मैक्सी कैब (7-13 सीट) 23650 5150
मिनी बस (13-23 सीट) 23650 7150
बस (23 सीट से अधिक) 8500 दूरी के अनुसार सरचार्ज 9000
ट्रैक्टर (ट्रेलर समेत) 00 3000
छोटे मालवाहक वाहन 8200 5000
मध्यम मालवाहक वाहन 8200 6000
भारी मालवाहक वाहन 8200 7000

नागरिकों का बनेगा सोशल रजिस्टर, एक पोर्टल से सेवा-योजना का लाभ

प्रदेश के नागरिकों का परिवार आधारित सोशल रजिस्टर तैयार करने और सरकार की विभिन्न योजना और सेवाओं का लाभ एक पोर्टल से देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।

इसके लिए यूनिफाइड सर्विस डिलीवरी प्लेटफार्म (बिहार-वन) बनेगा। पोर्टल बनाने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। इसके लिए 85.23 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार, प्रदेश में लाभ से जुड़ी जितनी भी योजनाएं संचालित हैं, उनके लिए अभी कोई एकीकृत व्यवस्था नहीं थी। बिहार वन पोर्टल से आम नागरिक राज्य के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं और योजनाओं का लाभ एक पोर्टल से ले सकेंगे।

नागरिकों को सिंगल साइन ऑन एवं सिंगल विंडो के माध्यम से आवेदन करने में सहूलियत होगी। वन पोर्टल में नागरिकों का प्रोफाइल एवं कॉमन डॉक्यूमेंट सहित अन्य जानकारियां उपलब्ध रहेगी।

इससे सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं एवं योजनाओं के आवेदन करने एवं दस्तावेज सत्यापन में आसानी होगी और समय की बचत होगी। सेवाओं और योजनाओं की पात्रता एक ही डैशबोर्ड पर रहेंगी।

सोशल रजिस्टर में निबंधित परिवारों का व्यापक और विश्वसनीय डाटा तैयार होगा। इससे सभी लाभों को आम जन तक पहुंचाने में सफलता मिलेगी। इससे डुप्लीकेट लाभार्थियों की पहचान हो सकेगी और उन्हें हटाकर सार्वजनिक धन की हानि रोकी जा सकेगी।

सर्वाइकल कैंसर का टीका मुफ्त

महिलाओं को होने वाले सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए राज्य की नौ से 14 वर्ष की बालिकाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का टीका दिया जाएगा।

इसके लिए मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना को मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दी है। योजना के दायरे में करीब 95 लाख बालिकाएं आएंगी। इस योजना पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

मुफ्त टीकाकरण ऐतिहासिक फैसला : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह टीकाकरण मुफ्त होगा। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में लिया गया यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इससे सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) जैसी एक गंभीर बीमारी की रोकथाम में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर पांच सर्वाइकल कैंसर मरीजों में से एक भारत में होता है और इस बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

भारत में यह कैंसर मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है और वयस्क महिलाओं में कैंसर से होने वाली सभी मौतों का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा है।

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