पद्म श्री से सम्मानित प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के पति का निधन, पटना के गुलबी घाट पर होगा अंतिम संस्कार
पद्म श्री से सम्मानित प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर सिन्हा का निधन हो गया। वो 80 वर्ष के थे। उनके बेटे अंशुमान ने बताया कि पिताजी दो दिन पहले घर में गिर गए थे। उनके सिर में चोट आई थी। ब्रेन हेमरेज की वजह से उनका निधन रविवार को हो गया। वे शिक्षा विभाग के रिजनल डिप्टी डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त थे।
जागरण संवाददाता, पटना। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहे। 80 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है। उनके बेटे अंशुमान ने इस बात की जानकारी दी।
ब्रज किशोर सिन्हा दो दिन पहले घर में गिर गए थे। उनके सिर में चोट आई थी। ब्रेन हेमरेज की वजह से पटना के साईं अस्पताल में उनका निधन रविवार को हो गया।वे शिक्षा विभाग के रिजनल डिप्टी डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त थे। अब पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
शारदा सिन्हा को मिलता रहा पति का साथ
शारदा सिन्हा को आगे बढ़ाने में उनके पति स्व. ब्रजकिशोर सिन्हा की अहम भूमिका रही। शारदा सिन्हा कार्यक्रम के दौरान बताते रही हैं कि मेरे पति को भी लोक गीतों से बहुत स्नेह रहता था। शारदा सिन्हा एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरे तरह उन्हें भी गीत पसंद है।शादी के बाद जब सुसराल में भजन कीर्तन होता था तो पति काफी मदद करते थे। सासू मां हमेशा कहती थी कि घर में भजन कीर्तन करना ठीक है लेकिन बाहर नहीं। ऐसे में पति ने काफी सहयोग किया था। शारदा बताती हैं कि घर में बेटा, बेटी और पति सभी एक दूसरे का दोस्त बनकर रहते थे।
2020 में आठ मई को विवाह के वर्षगांठ पर शारदा सिन्हा ने कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजनियां.. गीत गाई थीं जो बाद में काफी लोकप्रिय हुआ था। इंटरनेट मीडिया पर शारदा ने पोस्ट करते हुए पति के लिए लिखा था कि वे एक स्तंभ बनकर हमेशा साथ खड़े रहे। पति के अंदर सहिष्णुता, स्नेह, धैर्य काफी है।शारदा सिन्हा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि किस्मत से मेरी तरह मेरे पति बृजकिशोर सिंहा को भी गीतों से खास लगाव था। उन्होंने मेरी सास को मनाकर मेरी गायिकी जारी रखने में मदद की थी। 1970 में जब शादी हुई और मैं अपने ससुराल बेगूसराय गई तो वहां का माहौल अलग था। वहां का रहन-सहन अलग था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।