Bihar Education News: पटना के 117 निजी स्कूलों की मान्यता पर मंडरा रहा खतरा, शिक्षा विभाग ने दिया फाइनल अल्टीमेटम
पटना में 117 निजी स्कूलों की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है। ई शिक्षाकोष पोर्टल पर छात्रों की जानकारी नहीं देने के कारण शहरी क्षेत्र के 76 स्कूल समेत 117 स्कूलों पर कार्रवाई हो सकती है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्कूलों को 2 दिन में प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है नहीं तो मान्यता रद्द हो सकती है और बोर्ड से संबद्धता भी रद्द हो सकती है।
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी के 117 निजी स्कूलों की मान्यता पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने के साथ बोर्ड से उनकी संबद्धता रद्द कराई जा सकती है।
मामला ई शिक्षाकोष पोर्टल पर आधार कार्ड नंबर के साथ नामांकित छात्रों की संख्या की प्रविष्टि करने से जुड़ा है। इसमें शहरी क्षेत्र के सबसे ज्यादा 76 स्कूल शामिल हैं।उन्हें दो दिनों में प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर स्कूलों के ऊपर कार्रवाई तय मानी जा रही है। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने सभी स्कूलों के निदेशक और प्राचार्य को इस संबंध में पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि सभी निजी स्कूलों के निदेशकों व प्राचार्यों को 12 अगस्त को पत्र भेजकर नामांकित बच्चों का वर्गवार आधार संख्या के साथ ई शिक्षाकोष पोर्टल पर सूचना प्रविष्टि का निर्देश दिया गया था, लेकिन विभागीय निर्देश के बावजूद अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की प्रविष्टि पोर्टल पर अपलोड करना शुरू नहीं की गई है। यह सरकारी निर्देश का पूरी तरह उल्लंघन है जो बेहद खेदजनक है। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
एक अक्टूबर से रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी
स्कूलों की सूची संलग्न करते हुए डीईओ ने कहा है कि जो विद्यालय 30 सितंबर से प्रविष्टि शुरू नहीं करेंगे तो बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली के नियम 11 के उपनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों की प्रस्वीकृति दी गई है, उसे एक अक्टूबर से रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।इतना ही नहीं जिन विद्यालयों को सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड से मान्यता मिली है, संबंधित बोर्ड को संबद्धता रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी। इसलिए यथाशीघ्र पोर्टल पर बच्चों से संबंधित सूचना की एंट्री कराना सुनिश्चित करें।
सबसे ज्यादा सदर प्रखंड में 76 जबकि फुलवारीशरीफ एवं नौबतपुर में पांच-पांच स्कूल इस सूची में शामिल हैं। अन्य प्रखंडों में इनकी संख्या एक से चार के बीच है।
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