Bihar Flood: बिहार में बाढ़ से तबाह हुए किसान! तीन लाख हेक्टेयर फसल तहस-नहस, गुणा-भाग करने में जुटा विभाग
बिहार में बाढ़ से तीन लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ है। कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने नुकसान का आकलन कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। किसानों को वैकल्पिक फसलों के बीज और अन्य सहायता दी जाएगी। 19 जिलों के 92 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। फसलोंं की क्षति से संबंधित रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी समीक्षा करेंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। बाढ़ से फसलों को हुई क्षति के आकलन के लिए मंगलवार को कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने एक सप्ताह में नुकसान के आकलन का निर्देश दिया।
आकलन के बाद वैकल्पिक फसलों के बीज वितरण से लेकर अन्य सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा। प्रारंभिक आकलन के अनुसार तीन लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा में फसलों की पूर्ण या आंशिक क्षति हुई है।
पांडेय ने बताया कि बीज नि:शुल्क दिया जाएगा। इसके अलावा किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। निर्देश दिया कि फसलोंं की क्षति से संबंधित रिपोर्ट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी अवगत कराया जाए।
19 जिलों के 92 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित
मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, 19 जिलों के 92 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। कुल 673 पंचायतों में लगभग 2,24,597 हेक्टेयर रकबा में फसल की क्षति हुई है। इसके अलावा, 91,817 हेक्टेयर में फसलों की क्षति 33 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।
ड्रोन से होगा कीटनाशकों का छिड़काव
पांडेय ने कहा कि बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद फसलों को रोग-व्याधि हो सकती है। किसानों को आवश्यक सलाह के साथ कीटनाशकों की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देश है। आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन से दवाओं-कीटनाशकों का छिड़काव कराया जाएगा।उर्वरकों की कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि पर रोक के निर्देश
अधिकारियों को मंत्री ने रबी मौसम में उर्वरकों की कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि पर रोक के लिए आवश्यक उपाय करने को कहा। बैठक में उद्यान एवं कृषि यांत्रीकरण से संबंधित योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
यह भी पढ़ें: Bihar Flood: बिहार में तांडव कर रहीं कोसी-गंडव और बागमती नदियां, सीतामढ़ी में टूटा 20 साल पुराना रिकॉर्ड
Bihar Flood: 'सरकार को पहले ही नींद से जाग जाना चाहिए था', मीसा भारती ने नीतीश सरकार के बाढ़ प्रबंधन पर उठाए सवाल
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।