बिहार में यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य के सभी जिलों में अत्याधुनिक कैमरे और सॉफ्टवेयर की मदद से आटोमैटिक ई-चालान की व्यवस्था शुरू की जाएगी। यह प्रणाली पहले से ही स्मार्ट सिटी शहरों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफलतापूर्वक चल रही है। इसके तहत हेलमेट सीट बेल्ट ओवरस्पीड ओवरलोड और गलत लेन में ड्राइव करने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी।
कुमार रजत, पटना। स्मार्ट सिटी वाले शहरों की तर्ज पर जल्द ही राज्य के सभी जिलों में अत्याधुनिक कैमरे और सॉफ्टवेयर की मदद से आटोमैटिक ई-चालान कटेगा। सभी जिला मुख्यालय वाले शहरों में चिह्नित प्रमुख चौराहों, व्यस्तम सड़कों और ब्लैक स्पाट पर कैमरे लगाए जाएंगे।
इसकी मदद से हेलमेट और सीट बेल्ट के अलावा ओवरस्पीड, ओवरलोड और गलत लेन में ड्राइव करने वाले वाहनों पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग ने एजेंसी की खोज शुरू कर दी है।
इच्छुक एजेंसियों से 15 अक्टूबर तक प्रस्ताव मांगा गया है।
वर्तमान में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी में कैमरों की मदद से ई-चालान काटा जा रहा है।
इसके अलावा राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के टोल-प्लाजा पर भी अगस्त से बीमा, प्रदूषण और फिटनेस फेल वाहनों का ई-डिटेक्शन एप की मदद से आटोमैटिक ई-चालान काटा जा रहा है। इसके तहत हर दिन औसत एक हजार गाड़ियों का ई-चालान काटा जा रहा है।
कैमरों की मदद से ई-चालान कटने के बाद चारों स्मार्ट सिटी शहरों और एनएच पर यातायात नियमों के उल्लंघन में कमी भी दर्ज की गई है। इसकी सफलता को देखते हुए ही सड़क सुरक्षा के लिए राज्य के शेष 34 जिलों में भी कैमरों की मदद से आटोमैटिक ई-चालान की व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
वाहन व सारथी पोर्टल से जुड़ेगा डाटा
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वालों की पहचान के लिए डाटा संग्रह भी किया जाएगा।
इसके तहत कैमरों से कटने वाले चालान का डाटा वाहन और सारथी पोर्टल से जोड़ा जाएगा, ताकि वाहन चालकों की पहचान हो सके। इसके अलावा उनकी गाड़ियों और चालान के पूर्व के नियम उल्लंघन की जानकारी भी मिल सके।
इन नियमों के उल्लंघन पर कटेगा चालान
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हेलमेट न पहनने पर
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ट्रिपल राइडिंग पर
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गाड़ी चलाते हुए मोबाइल चलाने पर
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सीटबेल्ट न लगाने पर
10 हजार से अधिक दुर्घटनाएं, 8898 मौत
राज्य में वर्ष 2022 में 10 हजार 801 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें 8898 लोगों की मौत हुई है। सड़क हादसों में मौत के मामले में बिहार शीर्ष राज्यों में शामिल है। इसका बड़ा कारण सड़क सुरक्षा की कमी और लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता का अभाव है।
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सी को देखते हुए सड़क सुरक्षा को लेकर सभी जिला मुख्यालय वाले शहरों में कैमरों की मदद से चालान की व्यवस्था की जा रही है।
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