राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डीएसपी अजय प्रताप सिंह और दो एजेंटों को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने भ्रष्टाचार की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की। मामले में जांच जारी है। आरोप है कि डीएसपी ने राकी यादव से रिश्वत मांगी थी जिन्होंने सीबीआई में शिकायत की। दोनों आरोपी से पूछताछ जारी है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की पटना शाखा के डीएसपी अजय प्रताप सिंह और उसके दो एजेंटों को गुरुवार को बतौर रिश्वत लिए गए 20 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने डीएसपी के विरुद्ध मिले इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की। मामले की जांच जारी है। बताया जा रहा है कि सभी को गया में ही रखा गया है।
सीबीआइ को NIA के DSP के खिलाफ मिली थी शिकायत
सीबीआइ को NIA के डीएसपी अजय प्रताप सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत मिली थी। रमैया कंस्ट्रक्शन के मालिक व जदयू के पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव ने एनआईए से जुड़े कांड में पटना शाखा के अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) रहे डीएसपी पर भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था।
DSP ने कैसे की डील, हो गया खुलासा
विदित हो कि कुछ दिन पहले जेडीयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव की कंपनी और ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की थी। इस दौरान डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हुई थी। उस केस के आईओ डीएसपी अजय प्रताप सिंह थे। इसी मामले मे वे अपने एजेंट के माध्यम से रिश्वत लेने की कोशिश कर रहे थे। उनके द्वारा लगातार रिश्वत का दबाव बनाए जाने के बाद रॉकी ने सीबीआइ से शिकायत की।
सीबीआई ने लिया एक्शन
इसके बाद सीबीआई (CBI) ने अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया।
सीबीआइ से मिली जानकारी के अनुसार रॉ
की यादव ने अपनी लिखित शिकायत में कहा था कि 19 सितंबर को उसके ठिकानों पर एनआइए द्वारा छापा मारा गया था। इस छापे के बाद एनआइए डीएसपी की एक नोटिस उन्हें मिली, जिसमें 26 सितंबर को एनआइए कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया गया था।
26 सितंबर को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई थी
वह 26 सितंबर को आइओ के समक्ष उपस्थित हुआ। उसने आरोप लगाया कि यहां पूछताछ के दौरान उसे तथा उसके परिवार के लोगों को अलग-अलग तरह के झूठे मुकदमों में फंसा देने की धमकी दी गई और ढ़ाई करोड़ की रिश्वत की मांग की गई। परिवार को बचाने के लिए वह रिश्वत देने को तैयार हो गया। इसके बाद उसे एक अक्टूबर को बुलाया गया और 70 लाख की मांग की गई, जिसे उसी दिन पटना में देने कहा गया।
रॉकी ने शिकायत में कहा कि उसने इसके लिए समय की मांग की और तीन अक्टूबर को गया में रिश्वत देने की बात तय हुई। राकी की शिकायत की जानकारी एनआइए को भी दी गई, इसके बाद सीबीआइ ने गया, पटना और वाराणसी में छापेमारी की। इस दौरान कई दस्तावेज, गैजेट्स तथा घूस की 20 लाख की रकम बरामद की गई।
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