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Bihar Teacher Transfer Policy: हर पांच साल पर शिक्षकों का स्थानांतरण अनिवार्य, प्रमोशन को लेकर भी आया अपडेट

बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण-पदस्थापन नीति लागू की है। अब हर पांच साल में शिक्षकों का स्थानांतरण अनिवार्य होगा। किसी भी विद्यालय में अधिकतम 70 प्रतिशत महिला शिक्षकों का ही पदस्थापन होगा। शिक्षकों का पदस्थापन शिक्षा का अधिकार कानून के मानक के आधार पर होगा। राजनीति में संलिप्तता वित्तीय अनियमितता बरतने एवं नैतिक पतन के मामले में शिक्षक जिला बदर किए जाएंगे।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 07 Oct 2024 08:43 PM (IST)
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बिहार में लागू हुई शिक्षकों की नई ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी। प्रतीकात्मक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों का स्थानांतरण अब हर पांच साल पर होगा। इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। किसी भी विद्यालय में अधिकतम 70 प्रतिशत महिला शिक्षकों का ही पदस्थापन होगा। विद्यालयों में शिक्षकों का पदस्थापन शिक्षा का अधिकार कानून के मानक के आधार पर होगा।

राजनीति में संलिप्तता, वित्तीय अनियमितता बरतने एवं नैतिक पतन के मामले में शिक्षक जिला बदर किए जाएंगे। उन पर विभागीय कार्यवाही भी चलेगी। यह प्रविधान सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन को लागू की गई नयी नीति में किया गया है।

प्रत्येक विद्यालय में होंगे चार कोटि के शिक्षक

नई नीति के प्रविधान के मुताबिक, चार कोटि के शिक्षकों में से प्रत्येक विद्यालय में 10 प्रतिशत पुराने वेतनमान वाले, 30 प्रतिशत नियोजित, 30 प्रतिशत सक्षमता उत्तीर्ण विशिष्ट एवं 30 प्रतिशत बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षक होंगे। प्रत्येक शहरी निकाय को एक इकाई मान कर स्थानान्तरण की कार्रवाई की जाएगी। स्थानान्तरण-पदस्थापन में शिक्षकों की वरीयता का भी ध्यान रखा जाएगा।

जिला स्तरीय वरीयता सूची शिक्षक श्रेणीवार होगा। स्थानान्तरण-पदस्थापन के लिए जाने वाले दस विकल्प में यथासंभव उन्हें निकटतम अनुमंडल या जिला में पदस्थापित किया जायेगा। स्थानान्तरण, पदस्थापन, प्रतिनियुक्ति की कार्रवाई साफ्टवेयर आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से होगी। रिक्ति की गणना शिक्षा का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात एवं आधारभूत संरचना की उपलब्धता के आधार पर की जाएगी।

नियोजित शिक्षकों पर लागू नहीं होगी नई पॉलिसी

पहले चरण में नियोजित शिक्षकों को छोड़ कर शेष सभी कोटि के शिक्षकों का स्थानांतरण-पदस्थापन मुख्यालय स्तर से होगा। बिहार लोक सेवा आयोग से टीआरई वन-टू के शिक्षक स्थानान्तरण-पदस्थापन के लिए विकल्प नहीं देंगे, तो उनके स्थानान्तरण पर विचार नहीं होगा। वे अपने वर्तमान पदस्थापन वाले स्कूल में ही बने रहेंगे। पहले चरण के स्थानांतरण-पदस्थापन की कार्रवाई में सक्षमता उत्तीर्ण एवं बीपीएससी से टीआरई वन-टू के शिक्षक के लिए राज्य स्तरीय वरीयता के आधार पर अवसर प्रदान किये जाएंगे।

सामान्यतया शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की जाएगी। अतिआवश्यक होने पर जिला स्थापना समिति द्वारा तीन माह के लिए प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया जा सकेगा। स्थानांतरण एवं प्रतिनियुक्ति संबंधी आदेश विभागीय पोर्टल से सॉफ्टवेयर आधारित आटो जेनरेटेड फार्मेट के माध्यम से निर्गत किया जाएगा। अन्य किसी माध्यम से निकाले गए आदेश अवैध माने जाएंगे। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने नई नीति में स्पष्ट प्रविधान किया है।

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