Bihar News बिहार के सभी प्रारंभिक और माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों की नवंबर से रैंकिंग होगी। जिला शिक्षा अधिकारियों को विद्यालयों की रैंकिंग के लिए अलग-अलग फार्मेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। रैंकिंग में शिक्षण संसाधन उपयोग साफ-सफाई शिकायत निवारण और सह-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अलग-अलग नंबर तय किए गए हैं। रैंकिंग कुल 100 नंबर की होगी और नंबर के आधार पर ही रैंकिग होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar School News: राज्य के सभी प्रारंभिक एवं माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों की नवंबर से रैकिंग होगी। जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी विद्यालयों की रैंकिंग के लिए अलग-अलग फार्मेट सभी जिलों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उसमें विद्यालयों में संचालित विभिन्न गतिविधियों के लिए भारांक तय किए गए हैं, जिसका कुल योग 100 है। रैंकिंग की प्रविष्टि सभी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन में बाध्यकारी रूप से की जाएगी।
विद्यालय स्तर पर फार्मेट को सही तरीके से भरा जाना है। इसके लिए प्रखंड स्तर पर प्रधानाध्यापकों व प्रभारी प्रधानों की बैठक कर उन्हें प्रशिक्षित करना सुनिश्चित करें।
शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक, प्रत्येक विद्यालय को अगस्त में शिक्षक मार्ग-दर्शिका जारी किया गया है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता कैसे उत्कृष्ट हो, इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश है।
इसी क्रम में प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग रैंकिंग के लिए प्रपत्र तैयार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसमें विद्यालयों में संचालित विभिन्न गतिविधियों जैसे शिक्षण और अधिगम, संसाधन उपयोग, साफ-सफाई, स्वच्छता, शिकायत निवारण, सह-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अलग-अलग नंबर तय किए गए हैं। रैंकिंग कुल 100 नंबर की होगी।
इसमें सभी प्रकार की विद्यालयों के लिए वार्षिक और अर्धवार्षिक परीक्षा के औसत अंक के लिए अधिकतम 20 अंक है। मासिक परीक्षा में विद्यार्थियों के औसत अंक के लिए अधिकतम 10 अंक हैं। पिछले तीन माह में छात्रों की औसत उपस्थिति के लिए अधिकतम 10 अंक है, पिछले तीन माह में शिक्षकों की औसत उपस्थिति के लिए अधिकतम 10 अंक हैं। स्वच्छता के विभिन्न श्रेणियां में कुल 15 अंक हैं, जिसमें सबसे अधिक विद्यार्थियों के पर्सनल हाइजीन पर अधिकतम पांच अंक हैं।
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