AI Technology: एआइ की सहायता से बिहार में कर चोरी रोकने में मिल रही सफलता, अधिकारियों ऐसे उठा रहे तकनीक का लाभ
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इन दिनों कई मामलों में मदद कर रहा है। बिहार में कर चोरी रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) का इस्तेमाल किया जा रहा है। एआइ की मदद से पिछले साल 50 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई थी। वाणिज्य-कर अधिकारी पूर्व अनुमानित मॉडलिंग का उपयोग कर रहे हैं। इसके अंतर्गत क्लाउड-आधारित एआइ डाटा की समीक्षा कर इलेक्ट्रानिक संकेत उपलब्ध करा देता है।
राज्य ब्यूरो, पटना। जीएसटी की व्यवस्था प्रभावी होने पर दावा हुआ था कि अब कर की चोरी नहीं हो पाएगी। चालबाजों ने उसमें भी राह निकाल ली। अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की सहायता से बिहार में कर-चोरी रोकने की जुगत है। इसमें कुछ हद तक सफलता भी मिली है।
एआइ की सहायता से पिछले वर्ष 50 करोड़ की कर-चोरी पकड़ी गई थी। कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। दरअसल, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वालों का नेटवर्क पूरे देश में सक्रिय है। इसमें सम्मिलित लोग फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेकर फर्जी बिलिंग कर आइटीसी की चोरी करते हैं।
पूर्व अनुमानित मॉडलिंग का उपयोग कर रहे हैं वाणिज्य-कर अधिकारी
एआइ के उपयोग से ऐसी कर-चोरी पकड़ में आ जाती है। इसके लिए वाणिज्य-कर अधिकारी पूर्व अनुमानित मॉडलिंग का उपयोग कर रहे हैं। इसके अंतर्गत क्लाउड-आधारित एआइ डाटा की समीक्षा कर इलेक्ट्रानिक संकेत उपलब्ध करा देता है।सरकार का प्रयास है कि जीएसटी इको-सिस्टम में बिलिंग को सुरक्षित बनाने के हर संभव उपाय व कार्रवाई हो। फर्जी रजिस्ट्रेशन पकड़ में आ जाने पर जीएसटी चोरी का भी पता चल जाता है। इस उद्देश्य से कई तरह की पहल हो रही। जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेने में अब बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
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