Bihar Vegetable Price: सस्ती होगी सब्जी, नीतीश सरकार ने निकाली गजब की स्कीम; 38 जिलों को मिलेगा फायदा
बिहार में सब्जियों के सुरक्षित भंडारण के लिए प्रखंड स्तर पर कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे। पहले चरण में 50 प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होगा। प्रत्येक कोल्ड स्टोरेज पर 1.17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे किसानों को उनकी फसल का अच्छा दाम मिलेगा और लोगों को भी सस्ती सब्जियां मिलेंगी। चुने हुए प्रखंडों में सब्जी मंडी और सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम बनाए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में सब्जियों के सुरक्षित भंडारण के लिए पब्लिक पार्टनरशिप मोड में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होगा। इसके लिए सहकारिता विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, पहले चरण में 50 प्रखंड मुख्यालयों में एक-एक कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराया जाएगा।
इसके लिए भूखंड चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है। प्रत्येक कोल्ड स्टोरेज पर 1.17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही विभाग द्वारा बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना को सभी 38 जिलों में कार्यान्वित करने के लिए निर्देश दिया गया है।
खेती और बिक्री में तालमेल बिठाने की कोशिश
सहकारिता विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, बिहार में अब सब्जियों की खेती और बिक्री में तालमेल बिठाने के लिए हर जिले में सब्जी उत्पादन समूह बनाए जा रहे हैं। ये समूह उन जगहों के पास होंगे, जहां बहुत सारे लोग रहते हैं। यूं कहें कि जहां लोग सब्जियां ज्यादा खाते हैं, उन्हीं के आस-पास उगाने का इंतजाम किया जाएगा।लोगों को मिलेगी सस्ती सब्जी
पहले चरण में 300 प्रखंडों में ऐसे समूह बनाने की तैयारी है। इसका उद्देश्य यह है कि किसानों को उनकी फसल का अच्छा दाम मिले और लोगों को भी सस्ती सब्जियां मिले। इसके लिए चुने हुए प्रखंडों में सब्जी मंडी और सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम बनाए जाएंगे।
चयनित प्रखंडों में होगा भंडारण की व्यवस्था
सब्जी उत्पादक किसानों को ज्यादा उपज होने पर भी सही दाम मिले और उपभोक्ताओं को भी उचित कीमत पर सब्जियां उपलब्ध हो, इसके लिए चयनित प्रखंडों में सब्जी मार्केट, सब्जियों के सुरक्षित रखने हेतु भंडारण की व्यवस्था की जाएगी।सब्जियों के दामों को नियंत्रित करने की पहल
इसके साथ ही, सब्जी उगाने वाले किसानों, थोक विक्रेताओं और खुदरा दुकानदारों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए विभाग के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। किसानों और थोक व्यापारियों के बीच अनुबंध भी करवाया जाएगा, ताकि सब्जियों के दामों को नियंत्रित किया जा सके।
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