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एक्शन में विजय सिन्हा, बालू माफियाओं के खिलाफ प्लान तैयार; हेलीकॉप्टर से होगी घाटों की निगरानी

बिहार सरकार ने बालू घाटों से अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अब हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए बालू घाटों की निगरानी की जाएगी। अवैध खनन और परिवहन पर 10 लाख तक का जुर्माना और 5 साल तक की जेल हो सकती है। नई नियमावली में वाहन चालकों के लिए भी कई रियायतें दी गई हैं।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 16 Oct 2024 02:11 PM (IST)
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बालू घाटों से अवैध खनन की निगरानी अब हेलीकॉप्टर और ड्रोन से होगी : विजय सिन्हा (जागरण ग्राफिक)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बालू खनन (Sand Mining In Bihar) की नई नियमावली स्वीकृत होने के साथ ही सरकार अब अवैध बालू खनन को लेकर भी सख्त हो गई है। एक ओर जहां बालू के वैध बंदोबस्त धारी को नियमों में बांधने की व्यवस्था की गई है, वहीं बालू के अवैध खनन परिवहन भंडारों पर जहां आर्थिक जुर्माने के प्रावधान किए गए हैं।

इसी के साथ, पांच साल तक की कारावास की सजा भी देने के प्रविधान किए गए हैं। यह जानकारी खान व भूतत्व विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

'हेलीकॉप्टर से होगी बालू घाटों की निगरानी'

मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि नदियों से अवैध खनन पूर्व में होता रहा है, लेकिन राज्य में एनडीए की सरकार बनने के बाद से इस पर कड़ाई की गई है। अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि बालू घाटों की निगरानी हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी की जाएगी। इसी के साथ, ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में बालू का अवैध खनन होने की जानकारी मिलेगी वहां हेलीकॉप्टर भेज इसकी मॉनिटरिंग कराई जाएगी। मंत्री ने बताया कि घाट बंदोबस्ती को लेकर बंदोबस्तधारी कई बार योजना समर्पित करने में जानबूझकर अनावश्यक विलंब करते हैं, लेकिन अब प्रत्येक चरण की कार्यवाही के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है और विलंब के लिए दंड के प्रविधान भी।

वाहन चालकों के लिए की गई व्यवस्था

मंत्री ने कहा की नई नियमावली में वाहन चालकों के लिए भी कई व्यवस्था की गई है। जैसे वैध चलान से परिवहन करने के मामले में वाहन में लदी खनिज की मात्रा चलान में अंकित मात्रा से 5% तक अधिक हो तो केवल अंतर की मात्रा के लिए खनिज मूल्य की वसूली की जाएगी। पूर्व में यह व्यवस्था थी कि जितना भी खनिज पकड़ा गया उसके आधार पर दंड की वसूली होती थी।

मंत्री सिन्हा ने बताया कि नदी नहरे में गार्डन जमा होने से जल का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है नई नियमावली में जल संसाधन विभाग की अनुशंसा के आधार पर नदी नहरे में जमादार को संबंधित समाहर्ता धारा नीलम कर निष्पादित करने की व्यवस्था भी की गई है इससे जहां नदियों में सतत प्रभाव बढ़ेगा वहीं सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी। प्रेस कांफ्रेंस में विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कु. सिंह समेत दूसरे कई अधिकारी उपस्थित रहे।

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